रामा विहार वालो की जान बचाओ वरना यह संकट और फैलेगा, कूड़े की दुर्गंध सह लेंगे, लेकिन बच्चों की जान जोखिम में नहीं डालेंगे

Rama Vihar/New Delhi News: आमतौर पर लोग अपने घर के बाहर कूड़ा फेंकने वालों से नाराज़ होते हैं, लेकिन दिल्ली के मुंडका के पास रामा विहार इलाके में हालात ऐसे हो चुके हैं कि स्थानीय निवासी खुद MCD से अपील कर रहे हैं कि उनके क्षेत्र में कूड़ा डाल दिया जाए। कारण? खाली जगहों पर जमा कई फुट गहरा गंदा पानी, जो बीमारियों और दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है। पिछले हफ्ते छह साल की एक मासूम बच्ची की इसी जलभराव में डूबकर मौत हो गई, जिसके बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है।

रामा विहार, जो 1981 में बसा एक अनियमित उपनगरीय इलाका है, पहले से ही जल निकासी की पुरानी समस्या से जूझ रहा था। लेकिन पिछले दो सालों से, जब शहरी विस्तार सड़क-2 (UER-2) का निर्माण पूरा हो गया, स्थिति और भी बिगड़ गई।

UER-2, जो अलीपुर से महिपालपुर तक 75 किलोमीटर लंबी इस सड़क को जोड़ती है और बवाना, रोहिणी, मुंडका जैसे क्षेत्रों को जोड़ती है, के निर्माण ने इलाके की प्राकृतिक जल निकासी को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया। नतीजा? बारिश के बाद सड़कें, गलियां और खाली प्लॉट पानी से लबालब भर जाते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि MCD पहले से ही पास की भलस्वा लैंडफिल साइट से कचरा लाकर आसपास के क्षेत्रों को भर रही है, लेकिन रामा विहार को नज़रअंदाज़ कर दिया गया।

“हम दुर्गंध सह लेंगे, लेकिन अपने बच्चों को ऐसे खोते हुए नहीं देख सकते,” यह आवाज़ रामा विहार के के-1 ब्लॉक की रहने वाली एक मां की है, जिसकी बेटी हाल ही में डूब गई। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों और वीडियो में दिख रहा है कि इलाके की सड़कें खड्डों से भरी हैं, नालियां जाम हैं और पानी में सांप तक घूम रहे हैं। एक निवासी ने बताया, “UER-2 बनने के बाद पानी का बहाव रुक गया। खाली ज़मीन पर तीन-चार फुट तक पानी जमा हो जाता है। सफाई वाहन वैकल्पिक दिनों में आते हैं, लेकिन नालियां साफ़ नहीं होतीं।”

X (पूर्व ट्विटर) पर हाल के पोस्ट्स से साफ़ है कि समस्या पुरानी है। अगस्त 2025 में एक यूज़र ने लिखा, “UER-2 के पास रामा विहार चौराहा पूरी तरह पानी से भरा रहता है, MCD कोई सफाई नहीं कर रही।” सितंबर में एक अन्य पोस्ट में नालियों में सांपों की मौजूदगी का ज़िक्र करते हुए MCD और DDA से शिकायत की गई। जुलाई में भी जलभराव की तस्वीरें शेयर की गईं, जहां सड़कें टूटी-फूटी और पानी से लथपथ दिख रही थीं।

अक्टूबर में बच्ची की मौत के बाद एक पोस्ट में इसे “प्रशासन की लापरवाही” करार दिया गया, जिसमें DDA और MCD को जिम्मेदार ठहराया गया।
MCD के नरेला ज़ोन के अधिकारियों ने कुछ शिकायतों का जवाब दिया है, लेकिन ज़्यादातर मामलों में ज़िम्मेदारी DDA पर डाल दी गई। एक आधिकारिक जवाब में कहा गया, “खाली ज़मीन DDA की है, जो भरने वाली है।” हालांकि, स्थानीय विधायक और सांसदों से संपर्क करने पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। भलस्वा लैंडफिल से कचरा डालने की मांग उठ रही है, ताकि खाली जगहें भर जाएं और जलभराव रुके। लेकिन विशेषज्ञ चेताते हैं कि इससे प्रदूषण और दुर्गंध की समस्या बढ़ सकती है, जो लंबे समय में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगी।

निवासी अब DM नॉर्थवेस्ट, MCD आयुक्त और दिल्ली सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। एक प्रदर्शन की योजना भी बन रही है। सवाल यह है कि क्या MCD कूड़ा डालकर समस्या हल करेगी, या स्थायी जल निकासी व्यवस्था पर ध्यान देगी? रामा विहार के लोग कहते हैं – “हमारी जान बचाओ, वरना यह संकट और फैलेगा।”

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