दुनियाभर में सऊदी अरब अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बदलाव ला रहा है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 14 नवंबर को भारत आएंगे। मोहम्मद बिन सलमान सऊदी के प्रधानमंत्री भी हैं। ऐसे में उनका ये दौरा दोनों देशों के रिश्तों और व्यापारिक हिस्सेदारी के लिए काफी अहम माना जा रहा है। प्रिंस ऐसे समय भारत आ रहे हैं, जब इंडोनेशिया में 15 और 16 नवंबर को जी-20 सम्मेलन होना है। प्रिंस इस सम्मेलन में शामिल होने से ठीक पहले भारत आएंगे।
जनमानस में सवाल उठ रहे कि प्रिंस के इस दौरे के क्या मायने हैं? क्राउन प्रिंस के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच क्या-क्या बातचीत होगी।
क्राउन प्रिंस के भारत आने के मायने
विदेश मामलों के जानकार कहते है कि सऊदी क्राउन प्रिंस की यह यात्रा प्रधानमंत्री के उस निमंत्रण पत्र के बाद हो रही है, जो उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के माध्यम से भिजवाई थी। क्राउन प्रिंस की ये यात्रा भारत के लिए काफी अहम है। प्रिंस से पहले सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुल अजीज भी भारत का दौरा कर चुके हैं। उनकी यह यात्रा ओपेक़ संगठन की ओर से तेल उत्पादन में कटौती के निर्णय के बाद थी। इस दौरान उन्होंने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बिजली मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की थी।
जानकार बता रहे है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से ऊर्जा को लेकर पूरी दुनिया में स्थिति खराब है। ऐसे में सऊदी के प्रिंस के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर अहम समझौता कर सकते हैं। इसका फायदा भारत को मिल सकता है।श् दुनिया को बड़ा संदेश देने की कोशिश
सऊदी प्रिंस की भारत यात्रा से दुनिया को बड़ा संदेश जाएगा। मौजूदा समय रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पूरी दुनिया में तेल को लेकर उथल-पुथल है। ओपेक प्लस देशों की ओर से तेल उत्पादन में कटौती के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सऊदी अरब को नतीजे भुगतने की धमकी भी दी थी। इससे हो सकता है कि भारात को अपनी उर्जा जरूरत पूर्ति करने में सऊदी अरब से मदद मिले।
Top site ,.. amazaing post ! Just keep the work on !