Rouse Avenue Court issues notice to Sonia Gandhi: बिना नागरिकता के वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने का सालों पुराना विवाद फिर गरमाया

Rouse Avenue Court issues notice to Sonia Gandhi: संसद में चुनाव सुधारों पर चर्चा के बीच दिल्ली की राउज एवेन्यू सेशंस कोर्ट ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 1980-81 की मतदाता सूची में उनके नाम को कथित रूप से बिना भारतीय नागरिकता प्राप्त किए शामिल कराने के आरोपों से जुड़ी एक याचिका पर आया है। याचिकाकर्ता का दावा है कि सोनिया गांधी ने जालसाजी कर वोटर आईडी हासिल की, जबकि उनकी नागरिकता 1983 में मिली थी। कोर्ट ने सोनिया गांधी, दिल्ली पुलिस और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है, तथा मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2026 को निर्धारित की है।

मामला क्या है?
यह विवाद 45 साल पुराना है, लेकिन हाल ही में दायर रिवीजन पिटीशन ने इसे फिर से सुर्खियों में ला दिया है। याचिका में कहा गया है कि 1980 में सोनिया गांधी का नाम दिल्ली की नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की वोटर लिस्ट में जोड़ा गया, जबकि वे उस समय इतालवी नागरिक थीं। उनकी भारतीय नागरिकता 10 दिसंबर 1983 को मिली। याचिकाकर्ता ने मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा शिकायत खारिज करने के फैसले को चुनौती दी है और FIR दर्ज करने की मांग की है। कोर्ट ने TCR (ट्रांसमिशन ऑफ केस रिकॉर्ड) भी मंगवाया है।

इस मामले की पृष्ठभूमि में सोनिया गांधी का राजनीतिक सफर से जुड़ा हुआ है। वे 1998 से 2017 तक अमेठी से सांसद रहीं और 1998-2017 तक कांग्रेस अध्यक्ष भी बनी रही। नागरिकता विवाद पहले भी उठ चुका है, लेकिन यह पहली बार है जब कोर्ट ने नोटिस जारी किया।

कोर्ट की कार्रवाई
राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान नोटिस जारी किए। न्यायाधीश ने याचिका को संज्ञान में लेते हुए सभी पक्षों को जवाब मांगा। दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे मामले की जांच करें। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 465 (जालसाजी) के तहत अपराध हो सकता है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने इस नोटिस को “राजनीतिक साजिश” करार दिया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह पुराना और आधारहीन आरोप है, जिसे बार-बार खारिज किया जा चुका। कोर्ट में जवाब देंगे।” वहीं, सोशल मीडिया पर बीजेपी समर्थक इसे “कांग्रेस की विदेशी जड़ों” का सबूत बता रहे हैं। X (पूर्व ट्विटर) पर #SoniaGandhi और #RouseAvenueCourt ट्रेंड कर रहा है, जहां यूजर्स वीडियो और मीम्स शेयर कर बहस छेड़ रहे हैं।

सोनिया गांधी का पक्ष
सोनिया गांधी के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि 1980-81 की वोटर लिस्ट में नाम शामिल होना एक प्रशासनिक त्रुटि थी, न कि जालसाजी। उन्होंने नागरिकता प्रमाण-पत्र पेश किया, जो 1983 का है। कांग्रेस का कहना है कि यह मामला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है, खासकर जब विपक्ष चुनाव सुधारों पर सरकार को घेर रहा है।

यह नोटिस सोनिया गांधी के 79वें जन्मदिन के ठीक दिन आया, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला लंबा खिंच सकता है, लेकिन इससे कांग्रेस की छवि पर असर पड़ सकता है। मामले पर नजर बनी हुई है।

यहां से शेयर करें