40 की उम्र के बाद पुरुष, स्वास्थ्य समस्याओं पर दे ध्यान, प्रोस्टेट ग्रंथि की भूमिका और महत्व

Role and importance of prostate gland News: जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र 40 वर्ष से अधिक होती है, उनके शरीर में कई शारीरिक और हार्मोनल बदलाव आते हैं, जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इस उम्र में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और नियमित जांच बेहद जरूरी है ताकि गंभीर बीमारियों से बचा जा सके। एम्स (दिल्ली) के वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. अमलेश सेठ ने पुरुषों की सेहत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा करते हुए बताया कि इस उम्र में प्रोस्टेट ग्रंथि से संबंधित समस्याएं, हृदय रोग, मधुमेह, और अन्य स्वास्थ्य जोखिमों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

40 की उम्र के बाद पुरुषों को होने वाली प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं
1. प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याएं:
40 की उम्र के बाद प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना (Benign Prostatic Hyperplasia – BPH) या प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. अमलेश सेठ के अनुसार, प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों के प्रजनन तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मूत्राशय के नीचे और मूत्रमार्ग के आसपास स्थित होती है। इसके बढ़ने से पेशाब में रुकावट, बार-बार पेशाब आना, रात में बार-बार उठना, या पेशाब में जलन जैसे लक्षण दिख सकते हैं। समय रहते जांच और उपचार से इन समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है।
2. हृदय रोग:
उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल, और खराब जीवनशैली के कारण पुरुषों में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है। धूम्रपान, शराब, और तनाव इस खतरे को और बढ़ाते हैं। नियमित व्यायाम, कम वसा वाला आहार, और ब्लड प्रेशर की जांच इसे रोकने में मदद कर सकती है।
3. मधुमेह (डायबिटीज):
40 की उम्र के बाद चयापचय दर धीमी होने से मोटापा और टाइप-2 मधुमेह का खतरा बढ़ता है। थकान, बार-बार पेशाब, और असामान्य भूख इसके लक्षण हो सकते हैं। संतुलित आहार और नियमित जांच से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
4. टेस्टोस्टेरोन की कमी:
उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम हो सकता है, जिससे यौन इच्छा में कमी, थकान, और मांसपेशियों की कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। प्रोटीनयुक्त आहार और व्यायाम इसके स्तर को बेहतर रखने में मदद करते हैं।
5. फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं:
धूम्रपान करने वाले पुरुषों में फेफड़ों का कैंसर और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) का जोखिम अधिक होता है। लंबे समय तक खांसी, सांस फूलना, और सीने में दर्द इसके लक्षण हो सकते हैं। धूम्रपान छोड़ना और स्वच्छ हवा में व्यायाम करना फायदेमंद है।
6. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED):
तनाव, मधुमेह, या हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं के कारण स्तंभन दोष की समस्या हो सकती है। जीवनशैली में सुधार और चिकित्सकीय परामर्श से इसे ठीक किया जा सकता है।

प्रोस्टेट ग्रंथि क्या है और क्यों है महत्वपूर्ण?
प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों में मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने स्थित एक छोटी, अखरोट के आकार की ग्रंथि है। इसका मुख्य कार्य वीर्य में तरल पदार्थ का उत्पादन करना है, जो शुक्राणुओं को पोषण और सुरक्षा प्रदान करता है। डॉ. अमलेश सेठ बताते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ सकता है, जिसे सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) कहा जाता है। यह गैर-कैंसरकारी स्थिति है, लेकिन मूत्रमार्ग पर दबाव डालकर पेशाब से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है। इसके अलावा, प्रोस्टेट कैंसर भी एक गंभीर जोखिम है, जिसके लिए नियमित जांच जरूरी है।
प्रोस्टेट की सेहत बनाए रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
• नियमित जांच: 40 की उम्र के बाद हर साल PSA (Prostate-Specific Antigen) टेस्ट और डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE) करवाएं।
• संतुलित आहार: फाइबर, हरी सब्जियां, और फल युक्त भोजन लें। रेड मीट और वसायुक्त भोजन से बचें।
• व्यायाम: रोजाना 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि प्रोस्टेट की सेहत को बेहतर रखती है।
• धूम्रपान और शराब से दूरी: ये आदतें प्रोस्टेट की समस्याओं को बढ़ा सकती हैं।
• वजन नियंत्रण: मोटापा प्रोस्टेट और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ाता है।

डॉ. अमलेश सेठ की सलाह
डॉ. अमलेश सेठ ने जोर देकर कहा कि पुरुषों को अपनी सेहत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। छोटे-मोटे लक्षणों को अनदेखा करने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। वे सुझाव देते हैं कि 40 की उम्र के बाद नियमित स्वास्थ्य जांच, सक्रिय जीवनशैली, और तनाव प्रबंधन अपनाकर पुरुष लंबा और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं के लिए तुरंत यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लेना चाहिए, खासकर अगर पेशाब में खून, तेज दर्द, या रुकावट जैसे लक्षण दिखें।

निष्कर्ष
40 की उम्र के बाद पुरुषों को प्रोस्टेट, हृदय, मधुमेह, और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए। प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों के प्रजनन और मूत्र प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है, और इसकी सेहत बनाए रखने के लिए जागरूकता और समय पर जांच जरूरी है। डॉ. अमलेश सेठ की सलाह और नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ पुरुष अपनी सेहत को प्राथमिकता देकर स्वस्थ और संतुष्ट जीवन जी सकते हैं।

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