यह मामला अक्टूबर 2025 में तब सुर्खियों में आया था, जब स्थानीय शराब ठेकेदार प्रवीण बंसल ने रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में शिकायत दर्ज कराई। बंसल ने आरोप लगाया कि सुशील कुमार ने आईजी पूरन कुमार के नाम पर उनसे जून-जुलाई 2025 में मासिक रिश्वत की मांग की। अगर भुगतान न किया जाता, तो शराब तस्करी के झूठे मुकदमे ठोकने की धमकी दी गई। शिकायत के साथ ही बंसल ने ऑडियो क्लिप और वीडियो फुटेज सौंपे, जिसमें सुशील साफ-साफ कहते सुनाई देते हैं, “रोहतक में शराब का धंधा करना है तो आईजी साहब को मंथली देनी पड़ेगी, वरना तस्करी के केस लगवा देंगे।”
पुलिस जांच में सुशील कुमार ने पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कबूल लिया। उन्होंने स्वीकार किया कि वे पूरन कुमार के निर्देश पर ही यह अवैध वसूली कर रहे थे। सुशील, जो मूल रूप से हेड कांस्टेबल रैंक के थे, कई मोबाइल फोन बदल-बदल कर वसूली का जाल बुनते थे। जांच में उनके फोन से अन्य पुलिसकर्मियों के सर्विस संबंधी दस्तावेज, जैसे एसीआर (एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) और एफआईआर की कॉपियां बरामद हुईं, जो दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल होती थीं। फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) से सुशील की वॉइस सैंपल की जांच भी पूरी हो चुकी है, जो रिकॉर्डिंग्स से मैच करती है।
चार्जशीट में सुशील पर धारा 308(3) (उत्पीड़न), 238(सी) (साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। रोहतक के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज कपिल राठी की अदालत में 22 नवंबर को यह चार्जशीट पेश की गई।
दर्दनाक मोड़
यह प्रकरण केवल रिश्वतकांड तक सीमित नहीं रहा। 6 अक्टूबर को सुशील की गिरफ्तारी के ठीक अगले दिन, 7 अक्टूबर को पूर्व आईजी वाई. पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के अपने सेक्टर-11 स्थित आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मार ली। 2001 बैच के इस आईपीएस अधिकारी ने 9 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों पर उत्पीड़न और साजिश के आरोप लगाए। नोट में डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत कई आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के नाम थे। पूरन ने अपनी संपत्ति पत्नी आईएएस अमनीत कुमार के नाम कर दी थी।
इस घटना ने हरियाणा पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया। रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया को भी 11 अक्टूबर को ट्रांसफर कर दिया गया। लेकिन मामला यहीं थमा नहीं। 15 अक्टूबर को रोहतक साइबर सेल के एएसआई संदीप लाठर ने भी कथित आत्महत्या कर ली। संदीप सुशील की गिरफ्तारी में शामिल थे और उनके फोन का साइबर एनालिसिस इन्हीं ने किया था।
संदीप ने 6 मिनट का वीडियो और 3 पेज का नोट छोड़ा, जिसमें पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। इस नोट के आधार पर रोहतक पुलिस ने अबेटमेंट टू सुसाइड (आत्महत्या के लिए उकसाने) का केस दर्ज किया। संदीप की पत्नी ने भी डीजीपी और एसपी पर साजिश का आरोप लगाया।
व्यापक जांच और सियासी हलचल
चंडीगढ़ पुलिस ने पूरन कुमार की मौत की जांच के लिए एसआईटी गठित की, जो रोहतक पहुंची। इसमें शराब ठेकेदारों से वसूली का नेटवर्क, हिमांशु भाऊ गैंग जैसे अपराधियों का कनेक्शन और पुलिसकर्मियों पर दबाव की परतें खंगाली जा रही हैं। प्रवीण बंसल के पास रोहतक में कोई वैध शराब लाइसेंस नहीं था, लेकिन वे जिले में सक्रिय थे। जांच में पता चला कि सुशील आईजी कार्यालय में अलग कमरा इस्तेमाल करते थे और वीआईपी रेस्ट हाउस में महीनों ठहरे रहते थे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने संदीप लाठर के परिवार को नौकरी और बच्चों की पढ़ाई का भरोसा दिया। यूनियन मिनिस्टर मनोहर लाल खट्टर ने इसे “बहुत दुखद” बताया। विपक्ष ने पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न की केंद्रीय जांच की मांग की है।
यह मामला हरियाणा पुलिस की आंतरिक कलह को उजागर करता है, जहां रिश्वत, ट्रांसफर और साजिशें अधिकारियों की जिंदगियां तबाह कर रही हैं। 5 दिसंबर की कोर्ट सुनवाई में और कई राज खुल सकते हैं। फिलहाल, सुशील न्यायिक हिरासत में हैं, और पूरन-संदीप की मौतों की जांच जारी है।

