Research Operation : जोधपुर। AIIMS के यूरोलॉजी विभाग द्वारा जालोर निवासी 25 वर्षीय युवती की मूत्रनली का जटिल ऑपरेशन रोबाेटिक विधि के जरिए किया गया।
Urology के विभागाध्यक्ष डॉ. अर्जुन सिंह संधु के अनुसार मरीज की दायीं मूत्रनली टीबी की बीमारी की वजह से पूर्णतया खराब हो गई थी। मरीज का गुर्दा बचाने की लिए सबसे पहले गुर्दे मे नली डाली गई तथा जांचों में टीबी की पुष्टि होने पर टीबी की दवा शुरू की गई। टीबी की दवा पांच महीने देने के बाद पुनः जांच करने पर मूत्र की नली गुर्दे से लेकर मूत्राशय तक खराब पाई गई। मरीज की सहमति से रोबोटिक विधि द्वारा सर्जरी प्लान की गई। यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अर्जुन सिंह संधु के नेतृत्व में सह आचार्य डॉ. महेंद्र सिंह द्वारा रोबोट के जरिए 8 मिमी के 4 छेद कर छोटी आंत का उपयोग कर नई मूत्रनली का निर्माण गुर्दे से मूत्राशय तक किया गया। रोबोटिक विधि से इस जटिल ऑपरेशन करने से मरीज जल्दी ही स्वस्थ हो गया एवं शीघ्र ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अभी मरीज पूर्णतया स्वस्थ है एवं नई मूत्रनली अच्छा काम कर रही है। यूरोलॉजी विभाग नियमित रूप से मिनिमल इन्वैसिव टेक्नीक (रोबोटिक व लेपरोस्कोपिक) द्वारा गुर्दे मूत्रनली, मूत्राशय के कैंसर एवं अन्य विकारों का ऑपरेशन कर रहा है।
Research Operation :
इस ऑपरेशन में यूरॉलॉजी विभाग के डॉ. अर्जुन सिंह संधु, विभागाध्यक्ष, डॉ. महेंद्र सिंह के साथ डॉ. दीपक प्रकाश भिरुड, डॉ. गौतम राम चौधरी, डॉ. शिव चरण नावरिया डॉ. जीना , सर्जिकल गेस्टरोएन्टेरोलॉजी के डॉ. सुभाष सोनी एवं एनेस्थेसीया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप भाटिया व डॉ. सुगंधी एवं वरिष्ठ सीनियर अधिकारी संतोष कुरी, गोविंद, रवि एवं रामजीवन शामिल थे।
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