RBI Monetary policy: रिर्जव बैक ऑफ़ इंडिया आरबीआई एमपीसी बैठक में आमजन की उम्मदियों पर पानी फेर दिया है। यानी अब आपके होम लोन की किस्त कम नही होने वाली। रेपो रेटो को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूती दिखाई है। बैंकों के बैलेंस शीट में मजबूती दिखी है। केंद्रीय बैंक की एमपीसी ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक इसके फलस्वरूप स्थायी जमा सुविधा दर 6.25ः और सीमांत स्थायी सुविधा दर तथा बैंक दर 6.75ः पर बनी हुई है। आरबीआई गवर्नर ने थ्ल्24 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि घरेलू मांग के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी है। लागत खर्च में कमी से विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती आई है। सरकारी खर्चे से निवेश के रफ्तार में आई तेजी है। एग्रो क्रेडिट में ग्रोथ से रिकवरी बेहतर होने का अनुमान है। एमपीसी के छह में पांच स्थर अकोमोडेटिव रुख वापस लेने के पक्ष में। सभी सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर रखने पर सहमति जताई।
यह भी पढ़े : 4 वर्ष, 250 से अधिक फर्जी कंपनियां और कई सौ करोड़ का गबन, ये है जीएसटी की कमजोरी
खाद्य पदार्थों के मूल्य में वृद्धि चिंताजनक
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने का कि नवंबर-दिसंबर महीने में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि महंगाई के लिहाज से चिंता का कारण बना हुआ है। ग्रामीण मांग में सुधार दिख रही है। थ्ल् 24 के सीपीआई 5.4 पर बने रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर चार प्रतिशत पर लाने के प्रति आरबीआई प्रतिबद्ध है और हर संभव कोशिशें कर रहा है।