गाजियाबाद। अलग अलग स्तरों की जांच के बाद रेल मंत्रालय और मेट्रो रल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने रैपिडेक्स सेवा के परिचालन को स्वीकृति दी है। अब साहिबाबाद से दुहाई तक के प्राथमिकता वाले 17 किलोमीटर लंबे खंड पर रैपिडेक्स ट्रेनों का संचालन जुलाई के पहले सप्ताह में शुरू हो सकता है।
देश की पहली रैपिडेक्स रेल
देश के पहले रैपिडेक्स रेल कॉरिडोर पर ट्रेनों के संचालन को मंजूरी मिल गई है। विभिन्न जांच के बाद रेल मंत्रालय और मेट्रो रल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने रैपिडेक्स सेवा के परिचालन को स्वीकृति दी है। साहिबाबाद से दुहाई तक के प्राथमिकता वाले 17 किलोमीटर लंबे खंड पर रैपिडेक्स ट्रेनों का संचालन जुलाई के पहले वीक में शुरू हो सकता है। पीएमओ से इसके उद्घाटन की तारीख तय होनी है।
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प्रधानमंत्री पहली रैपिडेक्स को हरी झंडी दिखा सकते हैं। एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि बीते सप्ताह रेल मंत्रालय ने आरआरटीएस रोलिंग स्टॉक को मंजूरी दे दी थी। इसका डिजाइन 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के लिए किया गया है, हालांकि ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटा रहेगी। सीएमआरएस की मंजूरी के साथ रीजनल रैपिडेक्स ट्रांसपोर्ट सिस्टम का प्राथमिकता वाला दुहाई से साहिबाबाद के बीच का यह खंड देश की ऐसी पहली रेलवे प्रणाली बन गया है, जिसे 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार के लिए खोला जाएगा। इस कॉरिडोर को एक साल के दौरान कई एजेंसियों ने अलग-अलग तय मानकों पर परखा है।
2019 में शुरू हुआ था निर्माण
एनसीआरटीसी की इस प्रोजेक्ट का निर्माण जून 2019 में शुरू हुआ था। केवल 4 साल में एनसीआरटीसी अब रैपिडेक्स सेवाओं का परिचालन शुरू करने के लिए तैयार हो गया है। कोविड-19 के संक्रमण कॉल और लॉकडाउन के असर के बावजूद एनसीआरटीसी ने परियोजना को शुरू करने का लक्ष्य परिवर्तित नहीं किया।