नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ रेप (Rape Case) करने के आरोपित दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा की बेटी और बेटे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। प्रेमोदय खाखा की बेटी और बेटे को तीस हजारी कोर्ट ने 22 सितंबर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। तीस हजारी कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। दिल्ली पुलिस के मुताबिक खाखा की बेटी पर अपराध के लिए उकसाने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक खाखा पर आरोप है कि उसने दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कथित तौर पर कई बार बलात्कार किया और उसे गर्भवती भी कर चुका है।
इस मामले मे खाखा को पुलिस ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
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फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। खाखा की पत्नी सीमा रानी भी न्यायिक हिरासत में है, जिस पर लड़की का गर्भपात कराने के लिए उसे दवा देने का आरोप है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक पीड़िता के पिता की 1 अक्टूबर, 2020 में मौत हो गई थी, जिसके बाद खाखा ने उसे अपने घर उसकी देखभाल के लिए बुला लिया था। पीड़िता खाखा को मामा कहकर बुलाती थी। खाखा की पत्नी ने पीड़िता को गर्भ हटाने वाली गोली खिलाई थी। दिल्ली पुलिस ने दोनों के खिलाफ पॉक्सो के विभिन्न प्रावधानों के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(एफ) , 509, 506, 323, 313, और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की है। खाखा दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर था। मामला सामने आने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है।