Ram Navami:700 वर्ष के बाद आया ऐसा योग, त्रेतायुग- नक्षत्र का संयोग
Ram Navami:आज देशभर में रामनवमी मनाई जा रही है। बताया गया है कि 700 वर्श बाद ऐसा योग आया है। इस बार त्रेतायुग जैसे तिथि और नक्षत्र के संयोग में रामनवमी मनाई जा रही है। श्रीराम का जन्म दोपहर में हुआ था, इसलिए रामनवमी की पूजा दिन में ही होती है। इसके लिए दिन में 2 शुभ मुहूर्त रहेंगे। इस दिन 9 योग भी बनेंगे। जिससे पूजा और खरीदारी के लिए दिन शुभ रहेगा।
रामनवमी पर बन रहे शुभ संयोग के बारे में काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि अगस्त्य संहिता और वाल्मीकि रामायण के हवाले से बताया कि श्रीराम का जन्म चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था। ऐसा ही संयोग इस बार 30 मार्च, बृहस्पतिवार को बन रहा है।
इस त्योहार की ग्रह स्थिति के बारे में पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र और अयोध्या के ज्योतिषाचार्य अंकित शास्त्री कहते हैं कि इस दिन तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों से सर्वार्थसिद्धि, बुधादित्य, महालक्ष्मी, सिद्धि, केदार, सत्कीर्ति, हंस, गजकेसरी और रवियोग बने हैं। इस तरह रामनवमी पर 9 शुभ योग रहेंगे। पिछले 700 सालों में ऐसा संयोग नहीं बना।
रामनवमी पर कमल, केतकी, नागकेसर और चंपा के फूलों से श्रीराम की पूजा करें। लोहा, पत्थर या लकड़ी से बनी श्रीराम की मूर्ति का दान कर सकते हैं। पवित्र नदी के जल से स्नान और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।
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इस दिन मौन व्रत भी करना चाहिए। रामनवमी पर अतिगंड नाम का योग बने तो उसमें श्रीराम की पूजा करने से बहुत पुण्य मिलता है। ये योग इस साल बन रहा है।गुरुवार को दिन में ठीक 12 बजे शंख और घंटियां बजाकर श्री रामलला का जन्मोत्सव मनेगा। भगवान का अभिषेक होगा। षोडशोपचार महापूजा के साथ पीले वस्त्र पहनाकर श्रृंगार किया जाएगा।
महाआरती के बाद बंटेगा प्रसाद
महाआरती में हजारों लाखो लोगों के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस बार फिर से महाआरती के बाद प्रसाद बांटा जाएगा। इस बार सिंघाड़ा, कुट्टू, रामदाना और धनिया मिलाकर 10 क्विंटल पंजीरी और 1 क्विंटल पंचामृत प्रसाद के तौर पर बंटेगा। रामनाम का जाप, सुंदरकांड और रामायण पाठ होगा।