घटना के दिन सलमान ने बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर पास के जंगल में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। वारदात के बाद वह फरार हो गया था, जिस पर पुलिस ने 30 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि वह जंगल के रास्ते पैदल चलकर भोपाल पहुंचा था और चाय की दुकान पर CCTV निगरानी में आ गया। भोपाल पुलिस ने उसे चाय पीते हुए पकड़ा। रायसेन ले जाते समय औबेदुल्लागंज के जंगल में पुलिस की गाड़ी का टायर पंचर हो गया। इसी फायले का फायदा उठाकर सलमान ने सब-इंस्पेक्टर की पिस्टल छीन ली और भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसके दाहिने पैर में गोली मार दी। रायसेन एसपी आशुतोष गुप्ता ने बताया, “आरोपी ने गाड़ी खराब होने का लाभ उठाकर फायरिंग की कोशिश की, लेकिन हमारी टीम ने साहसिकता से उसे काबू कर लिया।”
इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। गिरफ्तारी की खबर फैलते ही हिंदू संगठनों में जबरदस्त नाराजगी फैल गई। ‘जय मां भवानी हिंदू संगठन’ समेत कई संगठनों ने सड़कों पर उतरकर पूर्ण एनकाउंटर की मांग की। कार्यकर्ताओं ने सलमान का पुतला जलाया और नारे लगाए, “सलमान का पूरा एनकाउंटर हो, समाज को सख्त संदेश जाए।” एक कार्यकर्ता ने कहा, “शॉर्ट एनकाउंटर से काम नहीं चलेगा। ऐसे दरिंदों को तुरंत फांसी दो, वरना हम चुप नहीं बैठेंगे।” घटना के बाद से गौहरगंज में बाजार और स्कूल बंद रहे, जबकि महिलाएं और बच्चियां थाने के बाहर धरने पर डटी रहीं। सोशल मीडिया पर भी #JusticeForRaisenGirl ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग पुलिस की कार्रवाई की सराहना के साथ-साथ सख्त सजा की मांग कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “6 साल की बच्ची की चीखें भूलना आसान नहीं। सलमान जैसे अपराधी को कानून का कड़ा सबसे मिलना चाहिए।”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “हमारी सरकार सुशासन के लिए जानी जाती है। कानून सबके लिए बराबर है और किसी अपराधी को कानून की पकड़ से बचने नहीं दिया जाएगा। एक अबोध बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ, लेकिन जैसा मैंने कहा था, हमारी पुलिस छोड़ने वाली नहीं है। जरा भी ढिलाई हम पसंद नहीं करते। आरोपी को भागते हुए शॉर्ट एनकाउंटर करके पकड़ा गया है। दोषी को सख्त से सख्त सजा मिलेगी।” यादव ने घटना के चौथे दिन ही उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें रायसेन के तत्कालीन एसपी पंकज पांडे को हटाने का आदेश दिया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा, “मध्य प्रदेश में सुशासन सर्वोपरि है। कानून तोड़ने वालों को किसी हालत में नहीं बख्शेंगे।”
आम जनता में भी गुस्सा हावी है। गौहरगंज की एक महिला ने बताया, “हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। पुलिस ने अच्छा किया, लेकिन सजा इतनी सख्त होनी चाहिए कि कोई सोचे भी ना।” एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हिंदू संगठनों का गुस्सा जायज है। शॉर्ट एनकाउंटर से संदेश नहीं जाएगा, फांसी ही अंतिम न्याय है।” दूसरी ओर, कुछ लोग पुलिस की त्वरित कार्रवाई की तारीफ कर रहे हैं। एक युवक ने कहा, “सीएम के दबाव में पुलिस सक्रिय हुई। अब न्याय मिलना चाहिए।”
पुलिस ने मामले में तेजी लाते हुए आरोपी को गोहरगंज कोर्ट में पेश करने की तैयारी की है। बच्ची के परिवार ने कहा, “हमें इंसाफ चाहिए, बस यही।” यह घटना एक बार फिर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है। सरकार ने वादा किया है कि दोषी को जल्द से जल्द सजा मिलेगी, लेकिन जनता का आक्रोश शांत होने का नाम नहीं ले रहा। रायसेन में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी गई है।

