Punjab News: आंदोलन के दौरान किसान की शहादत पर दुःख व्यक्त किया 

Punjab News: पंजाब प्रदेश कॉंग्रेस के कोषाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अमित विज ने केंद्र की सत्तारुढ़ पार्टी द्वारा किसानों को आतंकवादी का दर्जा देना प्रभु राम का अपमान है व ऐसे नेता भगवान राम के अपराधी है। उन्होंने यहां जारी व्यान में कहा भगवान को लगने वाला भोग यही अन्नदाता ही पैदा करता है।  विज ने कहा यदि सरकार ने किसानों को  एमएसपी न दी व उनकी कर्ज माफी ना की   तो किसानों की 70 प्रतिशत भूमि अगले 25 वर्षों में बड़े घरानों के हाथ आ जाएगी।
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वे किसानों को कुचलने की नीति को बंद करे। उन्होंने कहा पहले 3 काले कानून ला कर पूरे देश को हिला दिया। किसानों को उसके लिए एक साल से अधिक तक दिल्ली में मोर्चा लगाया,जिसमें 700 से अधिक किसानों को अपनी शहादत तक देनी पड़ी। उन्होंने इसे सरकार की बड़ी साजिश क़रार दिया। उन्होंने कहा अधिकतम राज्यों में 75 प्रतिशत से अधिक किसान कर्जों में डूबा हुआ हैं,इससे मुक्ति के लिए अपनी जमीनें बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा सरकार एक तरफ पिछले 10 साल में बड़े घरानों के कर्जों को माफ कर सकती है,जबकि वे अपनी मशीनों की लागत,बेंक व्याज,खर्चे जोड़ने के बाद मुनाफा के बाद अपना सामना मार्किट में बेचते है तो किसानों की फसलों को एमएसपी के साथ जोड़ कर क्यों नहीं हो सकती।  भारत रत्न एम एस स्वामीनाथन की रिपोर्ट भी यही कहती है। यहां तक की प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो वे किसानों को एमएसपी की वकालत करते नहीं थकते थे।
उन्होंने कहा ने अपने 10 साल के कार्यकाल में वर्तमान केंद्र की भाजपा सरकार ने उद्योगपतियों के 14.5 लाख करोड़ के कर्जे माफ किए,यदि सरकार उद्योगपतियों को लाभ दे सकती है तो किसानों के 14 लाख करोड़ के कर्जे माफ क्यों नहीं हो सकते। उन्होंने कहा 2014 से अब तक यूरिया,पेट्रोल,डीजल की दरें 70 से 80 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं । उन्होंने कहा विज्ञान और प्रयोग रिपोर्ट के अनुसार 2021 में 11000 किसानों ने आत्महत्या की.
2019 एनसीआरबी डेटा के अनुसार 43000 से अधिक किसान खेती में लगे हुए दैनिक वेतन भोगियों ने आत्महत्या की। उसके बाद से डाटा इकट्ठा करना बंद कर दिया। एनएसओ डेटा के अनुसार अब तक किसानों का कर्ज 58% बढ़ गया है। यद्यपि पिछले 10 वर्षों में कृषि आदानों में 80 प्रतिशत मूल्य वृद्धि हुई और एमएसपी में केवल 30 प्रतिशत ही बढ़े।
2015 में बीजेपी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया । 2016 में यह रु. 8000 माह और 2019 में यह 10,000 प्रति माह था, फिर एनसीआरबी  ने आत्महत्या और आय पर डेटा एकत्र करना बंद कर दिया ।
विज ने केंद्र सरकार की नीयत पर ऊंगली उठाते कहा जुलाई 2022 में एमएसपी पर गठित 27 सदस्यीय कमेटी की 6 बार और 37 बार सब कमेटी की मीटिंग के बाद भी अभी चर्चा के लिए कुछ बचा है तो सब दाल में काला हैं। उन्होंने कहा केंद्र सरकार का एमएसपी के लिए 17 लाख करोड़ जो आंकड़ा दिया जा रहा है वे गलत है, विशेषज्ञों के अनुसार किसानों को एमएसपी के लिए 2 से 2.5 लाख करोड़ का ही बोझ पड़ेगा । उन्होंने कहा केंद्र सरकार किसानों के लिए एमएसपी लागू करने के लिए आर्डिनेन्स लाए,साथ ही कानून बनाए की किसानों की जमीन को ज़बर्दस्ती न हथिया सके।
विज ने हाल ही के किसान आंदोलन में गुरदासपुर के किसान की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते उनके परिवार से गहरी सम्वेदना व्यक्त की।
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