बिना सरकारी फॉर्मेलिटी के M3M Builder का प्रोजेक्ट लॉन्च! क्या ठगे जाएंगे बायर्स
M3M Builder: एक कहावत है कि जला भी छाज फूंक.फूंक कर पीता है। यानी यह कहावत नोएडा के बिल्डरों पर सटीक बैठती है। नोएडा के बिल्डरों ने आमजन के मन में ऐसी धारणा पैदा कर दी कि नोएडा में जो भी प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं, वह बिल्डर धोखाधड़ी कर सकता है या फिर आधा अधूरा प्रोजेक्ट छोड़कर भाग सकता है। इसीलिए अब गुड़गांव, दिल्ली और फरीदाबाद आदि में प्रोजेक्ट बनाने वाले बिल्डर नोएडा का रुख कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि ये बिल्डर पूरी तरह दूध के धुले हैं, लेकिन जहां इन्होंने लोगों को फ्लैट डिलीवर किए हैं। वहां इनकी छवि थोड़ी सी अच्छी है। उ3उ बिल्डर का गुड़गांव में काफी नाम है।
M3M Builder: अब उसने नोएडा में भी अपने प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिए हैं। बीएचके फ्लैट 5 करोड़ 85 लाख रुपए का जबकि 4 बीएचके फ्लैट 7 करोड़ 70 लाख रुपए का है बताया जा रहा है कि उ3उ सेक्टर 94 में अपना रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट बनाएगा। खास बात यह है कि नोएडा में और आसपास के इलाकों में बिल्डर की ओर से जमकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। मगर अब तक उसके पास रेरा रजिस्ट्रेशन और प्राधिकरण को जो जानकारी दी जाती है उसने मुहैया नहीं कराई। प्राधिकरण की वेबसाइट पर बिल्डर के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
फ्लैट खरीदते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
M3M Builder:यदि आप किसी बिल्डर का फ्लैट खरीदने जा रहे हैं या फिर कोई कमर्शियल प्रोजेक्ट में ऑफिस या दुकान खरीदने के इच्छुक हैं। तो आपको कई बातों का ध्यान रखना होगा। जैसे कि रेरा की ओर से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है कि बिल्डर अपना रजिस्ट्रेशन कर आएगा। यदि बिल्डर का रजिस्ट्रेशन नहीं है तो आप पीछे हट जाएंगे। इसके अलावा क्या उसके पास वेध प्राधिकरण से बनाने की अनुमति है। जिस तरह से वह जनमानस के बीच अपने प्रोजेक्ट का प्रचार प्रसार कर रहा है और बिल्डिंग को दर्शा रहा है। इतना ही नहीं यह भी जांच लेगी। बिल्डर का पिछला रिकॉर्ड कैसा है?
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भारी भरकम रकम लगाने से पहले आप ऐसे प्लान को अडॉप्ट कीजिए जिसमें कम से कम पैसा जाए। जब बिल्डिंग बन जाए तब आपको पूरी पेमेंट करनी हो। यह भी जांच लें कि क्या बिल्डर पर संबंधित प्राधिकरण का कोई खास बकाया तो नहीं है क्योंकि देखा गया है कि बिल्डरों ने प्राधिकरण करण की बकाया धनराशि नहीं दिए। जिस कारण फ्लैट खरीदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनकी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। यानी रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी तो आप वैध रूप से मालिक भी नहीं बन पाएंगे।