ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने अधूरे सपने के साथ दुनिया को अलविदा कह दिया है। रविवार को हुए विमान हादसे में उनका इंतकाल हो गया है। उनके साथ ईरान के विदेश मंत्री भी इस हादसे में मारे गए। बता दें कि हेलिकॉप्टर क्रैश के कई घंटों बाद ईरान ने इस बात की पुष्टि की कि उनके राष्ट्र प्रमुख अब इस दुनिया में नहीं रहे। मौसम खराब होने की वजह से सेना और रेस्क्यू टीम घटना स्थल तक पहुंच ही नहीं पा रहा था। माना जा रहा इस हादसे के बाद ईरान के राष्ट्रपति रहे इब्राहिम रईसी का एक सपना भी अधूरा रह गया। ईरानी राष्ट्रपति के निधन के बाद एक सवाल उठ रहा है कि आखिर वह अजरबैजान क्यों गए थे जहां से लौटते वक्त उनका विमान हादसे का शिकार हो गया। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन के बाद एक सवाल हर किसी के जहन में है और वो यह कि आखिर इब्राहिम रईसी अजरबैजन गए ही क्यों थे। यहां जाने के पीछे उनका मकसद क्या था? दरअसल इब्राहिम अजरबैजान के इल्हाम अलीयेव के साथ एक बांध का उद्गाटन करने पहुंचे थे। मालूम हो कि यह तीसरा डैम था जिसे दोनों देशों ने अरास नदी पर बनाया है। यह बांध दोनों देशों के विकास में अहम रोल निभाने वाला है।
इसी बांध का उद्घाटन करने के बाद रईसी अपने देश लौट रहे थे। लेकिन अचानक बीच रास्ते में ही उनका विमान हादसे का शिकार हो गया। अजरबैजान में भी ईरान की तरह शिया मुसलमानों की तादाद काफी ज्यादा है। हालांकि अजरबैजान को इजरायल का करीबी माना जाता है।
ये सपना रह गया अधूरा
ईरान के राष्ट्रपति के निधन के बाद उनका एक खास सपना अधूरा रह गया है। इस सपने को वह अपने पीछे ऐसे छोड़कर चले गए। बताया जा रहा कि ईरान के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में वह स्थापित होने वाले थे। ईराने के अगले सुप्रीम लीडर के तौर पर उन्हें देखा जा रहा था।
रईसी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी तो थे। साथ ही उनके उत्तराधिकारी भी माने जा रहे थे। जानकारों का मानना है कि 85 वर्षीय खामेनेई की मौत के बाद रईसी को ही देश का सुप्रीम लीडर माना जा रहा था, लेकिन उनके आक्समिक निधन के बाद उनका ये सपना भी अधूरा रह गया है।