राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राम मंदिर से शुरू किया अभिभाषण, ये कहीं अहम बातें
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज यानी बुधवार को संसद से संयुक्त सत्र को संबोधित किया। नई संसद में पहली बार संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहीं राष्ट्रपति ने कहा कि यह नई इमारत एक भारत, श्रेष्ठ भारत का एहसास कराती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगभग 74 मिनट के भाषण में चंद्रयान-तीन, नारी शक्ति वंदन कानून और अयोध्या के राम मंदिर समेत तमाम सरकारी प्रोजेक्ट्स का जिक्र किया। संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र की शुरुआत के मौके पर लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने लगभग 74 मिनट के संबोधन में सरकार के विजन और देश में बीते 10 साल की अवधि में हुए कामकाज का विस्तार से जिक्र किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र किया। इस पर सदन में मौजूद सदस्यों ने मेज थपथपाकर बयान का स्वागत किया।
उधर, अब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव दो फरवरी को पेश किया जाएगा। 2 फरवरी से दोनों सदनों में चर्चा शुरू होगी। 7 फरवरी को प्रधानमंत्री धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे। इससे पहले एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम या लेखा अनुदान बजट लोकसभा में पेश करेंगी।
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सांसदों ने दी बधाई
इससे पहले राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में देश की रक्षा, विदेश और आर्थिक नीतियों का जिक्र किया। उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा, सरकार विधायिका में आधी आबादी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा, राम मंदिर के निर्माण की आकांक्षा सदियों से चली आ रही थी जो अब पूरी हुई है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह गत 22 जनवरी को हुआ। पीएम मोदी ने राम लला की उत्सव मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की। इस मौके पर देश-विदेश के लगभग आठ हजार मेहमान विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे।