नोएडा इंटरनेश्नल एयरपोर्ट के पास दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेश्नल एयरपोर्ट की तर्ज पर एरोसिटी बसाने की तैयारी है। अब यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) जल्द ही भूखंड योजना लांच करेगा। यमुना प्राधिकरण ने होटल उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। यहां निवेश की संभावनाओं को देखते हुए कई बड़ी होटल कंपनियों ने प्राधिकरण से जमीन की मांग की है। एरोसिटी में हवाईअड्डे के यात्रियों को ठहरने की सुविधाओं के साथ ही खाने पीने की बेहतरीन व्यवस्था होगी।
यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे विकास के चलते औद्योगिक, आवासीय और व्यवसायिक भूखंडों की मांग बढ़ती जा रही है। यहां आईटीसी और अन्य कई विदेशी होटल कंपनियों ने यहां निवेश को उत्सुकता दिखाई है। उन्होंने एयरपोर्ट के पास एक्सप्रेसवे के किनारे कई सेक्टरों में जमीन भी दिखाई जा चुकी है। इनमें कुछ प्लॉट उन्हें भी आए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट के पास एक्सप्रेसवे के किनारे पांच सितारा होटल की योजना लाई जाएगी। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट के आसपास और एक्सप्रेस-वे के किनारे होटल बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। तीन, पांच और सात सितारा होटल के लिए अलग अलग क्षेत्रफल के भूखंडों पर योजना आएगी। इनका क्षेत्रफल 3 हजार वर्गमीटर से लेकर 10 हजार वर्गमीटर तक हो सकता है।
पहली स्कमी की हो रही जांच
यमुना प्राधिकरण की पहली होटल भूखंड योजना फिलहाल जांच के दायरे में है। स्कीम में ई-नीलामी के जरिये दोनों भूखंडों को ओयो होटल की चेन से जुड़ी एक ही कंपनी को आवंटित किये गए। कंपनी का मुख्यालय ग्रेनो में बताया गया था और लखनऊ में होटल संचालन का दावा किया गया था, जबकि नियम के मुताबिक एक कंपनी को दोनों भूखंड आवंटित नहीं किए जा सकते। प्राधिकरण को इन भूखंडों की नीलामी से कुल 122.48 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। यह योजना सेक्टर-28 में लाई गई थी। ई-ऑक्शन के महज 24 घंटे में ही यह योजना जांच के दायरे में आ गई थी। योजना में 5000 वर्गमीटर और 10000 वर्गमीटर के दो भूखंडों पर चार आवेदन प्राप्त हुए थे। अब प्राधिकरण पिछली खामियों को भी ध्यान में रखकर काम करेंगा।