Pollution News:आठ दिनों से लगातार प्रदूषण में पराली के धुएं की 20% से ज्यादा बनी हिस्सेदारी
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Pollution News:आठ दिनों से लगातार प्रदूषण में पराली के धुएं की 20% से ज्यादा बनी हिस्सेदारी

Pollution News। पराली से निकलने वाला धुआं राजधानी दिल्ली को ढंग की सांस नहीं लेने दे रहा है। पिछले आठ दिनों से लगातार दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 20 फीसदी से ज्यादा बनी हुई है। अगले दो दिनों के बीच भी प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी 15 फीसदी से ऊपर ही रहने की संभावना है। दिल्ली के लोग इस समय सबसे ज्यादा खराब हवा में सांस ले रहे हैं। पंजाब और हरियाणा के खेतों में जलाई जाने वाली पराली इसका बड़ा कारण है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के मुताबिक दो नवंबर से आठ नवंबर के बीच हर दिन दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 20 फीसदी से ज्यादा ही रही है। तीन नवंबर के दिन दिल्ली के प्रदूषण में पराली का धुआं सबसे ज्यादा 37 फीसदी तक रहा था। अगले दो दिनों के दौरान भी पराली की हिस्सेदारी 15 से 22 फीसदी के बीच ही रहने का अनुमान है।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 437 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले यह सूचकांक 426 के अंक पर रहा था। यानी इसमें 11 अंकों की बढ़ोतरी चौबीस घंटों के भीतर हुई है। दिल्ली के ज्यादातर जगहों का सूचकांक 400 के अंक से ऊपर है।

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शुक्रवार के बाद मिलेगी थोड़ी राहत:
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा तैयार किए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक शुक्रवार को भी वायु गुणवत्ता के गंभीर श्रेणी में ही रहने की संभावना है। लेकिन, इसके बाद हल्का बदलाव देखने को मिल सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते शनिवार और रविवार को एनसीआर क्षेत्र में इक्का-दुक्का जगहों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। जबकि, इस दौरान हवा की रफ्तार भी 16 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक के गंभीर श्रेणी से सुधरकर बेहद खराब श्रेणी में पहुंचने के आसार हैं।

वायु गुणवत्ता सूचकांक:
08 नवंबर-426
09 नवंबर-437
यहां की हवा सबसे खराब:
नेहरू नगर-467
द्वाराका-8-466
आरके पुरम-466
बवाना-463
पंजाबी बाग-463

 

दिल्ली सरकार के मंत्री ने जताई नाराजगी, ग्रेप-4 को ठीक से लागू नहीं कर रहे अफसर
दिल्ली में बढ़े वायु प्रदूषण ने केजरीवाल सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। राष्ट्रीय राजधानी में सुबह वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। हालांकि, मौसम की स्थिति अनुकूल होने की संभावनाओं के मद्देनजर शहर में दिवाली से ठीक पहले प्रदूषण के स्तर में मामूली कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है। इधर दिल्ली में अरविंद सरकार के मंत्री ने कहा है कि ग्रैप-4 के नियम को ठीक से लागू नहीं किया जा रहा और ऐसा करने में नाकाम रहने वाले अफसरों पर ऐक्शन भी नहीं ले सकते हैं।

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केजरीवाल सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पर्यावरण मंत्री ने प्रदूषण को काबू करने के लिए ग्रेप-4 के लागू नियमों को संबंधित अफसरों द्वारा ठीक से नहीं लागू कराए जाने पर चिंता जाहिर की है। मसलन – दूसरे राज्यों से ट्रक और डीजल बसों की एंट्री हो रही है। मंत्री ने प्रत्येक जिले में प्रत्येक मंत्री को जिम्मेदारी दी है कि वो इन नियमों को कड़ाई से लागू करवाएं। अगर कोई अधिकारी काम नहीं कर रहा है तो दिल्ली सरकार उनके खिलाफ कोई ऐक्शन भी नहीं ले सकती है। यही वजह है कि आदेशों का पालन नहीं हो पा रहा है।

मंत्री को मिली है इस काम की जिम्मेदारी
गोपाल राय ने कहा कि मंत्री अपने-अपने जिलों में जाएंगे और अधिकारियों को आदेश देंगे कि वो प्रदूषण को नियंत्रित करें और ग्राउंड पर निरीक्षण करें। गोपाल राय ने कहा, ‘मंत्री पलूशन कंट्रोल की ड्यूटी में लगे संबंधित अधिकारियों को निर्देश देंगे और खुद भी ग्राउंड पर जाएंगे। खास तौर से दिल्ली के बॉर्डरों पर वो जाएंगे और निर्माण साइटों पर भी नजर रखेंगे क्योंकि कई जगहों पर निर्माण कार्य रोकने के आदेश होने के बावजूद डस्ट कंट्रोल पर कार्य नहीं हो रहा है।

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