Political News भाजपा ने मंगलवार को राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के लिए भजनलाल शर्मा के नाम की घोषणा की है। उनके साथ दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। उदयपुर में हुई भाजपा विधायक दल की पहले बैठक में भजन लाल शर्मा के नाम ऐलान किया गया. इसके अलावा दिया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को डिप्टी सीएम नियुक्त किया गया है.
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तीन राज्यों के सीएम का ऐलान करने के बाद अब मध्य प्रदेश से शिवाराज सिंह चौहान, राजस्थान में वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ से रमन सिंह का दौर खत्म हो गया है. भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम दिया कुमारी, प्रेम चंद बैरवा 15 दिसंबर 2023 को शपथ लेंगे.
56 साल के भजनलाल शर्मा सांगानेर विधानसभा सीट से विधायक हैं. भजन लाल शर्मा हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बने हैं. उन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48081 वोटों से हराया था. भजनलाल शर्मा ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. भजनलाल शर्मा का नाम बतौर सीएम पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रस्ताव पेश किया. गौरतलब है कि मनोहर लाल खट्टर के बाद भजनलाल शर्मा दूसरे सीएम हैं, जो पहली बार विधायक बनने के बाद सीएम बने.
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वसुंधरा को साधने का राजनाथ को पुराना अनुभव
साल, 2008 के अंत में राजनाथ सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। राष्ट्रीय नेतृत्व उस समय ओमप्रकाश माथुर को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता था। इसके लिए राजनाथ ने तत्कालीन सीएम वसुंधरा को संदेश भेजा। खुद ने फोन भी किया। लेकिन वसुंधरा ने राजनाथ से फोन पर बात ही नहीं की थी। इस पर राजनाथ नाराज हुए और बिना वसुंधरा की सहमति के माथुर के नाम की घोषणा कर दी थी। इसके बाद विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा विपक्ष में आ गई और कांग्रेस की सरकार बन गई।
2009 में लोकसभा चुनाव हुए तो प्रदेश की 25 सीटों में से भाजपा को केवल चार सीटें मिली थी। कमजोर प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए माथुर और संगठन महामंत्री प्रकाशचंद्र ने राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर इस्तीफा दे दिया था। लेकिन वसुंधरा ने नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। राजनाथ नहीं माने तो वसुंधरा ने 15 अगस्त,2009 को 57 विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच गई थी। अक्टूबर में जानकारी सामने आई कि वसुंधरा ने इस्तीफा दे दिया,लेकिन तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत को मिला ही नहीं था। फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
विधायक दल की बैठक में राजनाथ ने वसुंधरा को अपने पास वाली कुर्सी पर बिठाया और फिर कहा,अब उन्हे नए सीएम के नाम का प्रस्ताव करना है। राजनाथ ने अपनी जेब से पर्ची निकाल कर वसुंधरा को सौंपी। वसुंधरा ने जैसे ही पर्ची खोली तो उनके चेहरा उतर गया। पर्ची में भजनलाल का सीएम,दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा का उप मुख्यमंत्री और वासुदेव देवनानी का नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए था। पर्ची देखने के बाद वसुंधरा ने राजनाथ से कुछ कहने का प्रयास किया,लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। आखिरकार वसुंधरा ने भजनलाल के नाम का प्रस्ताव किया।
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कौन है भजन लाल शर्मा
भजन लाल शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं। वह भरतपुर जिले के रहने वाले हैं। बैठक में वसुंधरा राजे ने प्रस्ताव रखा, जिसे विधायक दल ने स्वीकार कर लिया। भजनलाल भाजपा के प्रदेश महासचिव हैं। उनके पास राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री है। पहली बार विधायक चुने गए भजनलाल शर्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री होंगे।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा विधायक दल की बैठक में यह घोषणा की गई।
बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में विधायक अशोक लोहाटी का टिकट काटकर भजन लाल शर्मा को दिया था। भजन लाल शर्मा ने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी। वह भरतपुर के रहने वाले है। हालांकि, उनका निवास जयपुर के जवाहर सर्किल पर है। जब वह सांगानेर से चुनाव लड़ते हुए प्रचार कर रहे थे तो उनके ऊपर बाहरी होने का भी आरोप कांग्रेस लगा रही थी। यह और बात है कि इसके बाद भी भजन लाल शर्मा ने बड़े अंतर से सांगानेर में जीत हासिल की। सांगानेर सीट भाजपा का गढ़ कही जाती है।
भजन लाल शर्मा को संघ और संगठन दोनों का करीबी माना जाता है। राजस्थान में सामान्य वर्ग के मजबूत चेहरे को तौर पर उन्हें सीएम की रेस में माना जा रहा था। हालांकि, कोई दावे के साथ नहीं कह पा रहा था कि उन्हें ही राजस्थान की कमान सौंपी जाएगी।
शर्मा पर जयपुर में एक मामला लंबित है। यह मामला आईपीसी की धारा 353, 149 के तहत दर्ज है। इस मामले में 4 दिसंबर 2015 को शर्मा पर आरोप तय किए गए थे। राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के नाम पर काफी चर्चाएं चल रही थीं। माना जा रहा था कि मध्यप्रदेश के मोहन यादव की ही तरह बीजेपी किसी नए नाम का ऐलान मुख्यमंत्री के तौर पर कर सकती है। बीजेपी ने एक बार फिर भजन लाल शर्मा को चुनकर सभी को चौंका दिया।
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