ई-सिगरेट तस्करी के नेटवर्क पर पुलिस की चोट, नोएडा को बनाया सबसे बड़ा बाजार
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ई-सिगरेट तस्करी के नेटवर्क पर पुलिस की चोट, नोएडा को बनाया सबसे बड़ा बाजार

Noida Police: नोएडा पुलिस लगातार नशे का कारोबार करने वालों पर लगाम कस रही है एक के बाद एक गिरोह गेट खुलासे किए जा रहे हैं इस बार पुलिस ने ई सिगरेट तस्करी करने वाले नेटवर्क ऊपर गहरी चोट की है राखी नोएडा व आसपास के क्षेत्रको विभिन्न बीमारियों से बताया जा सके ई सिगरेट्स केवल नशा ही नहीं कई तरह की बीमारियां होती हैं पुलिस ने बताया कि कार और बुलेट से प्रतिबंधित ई-सिगरेट की आपूर्ति करने वाले दो आरोपियों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से करीब 15 लाख रुपये की ई-सिगरेट बरामद हुई। दोनों की कार और बुलेट को भी कब्जे में लेकर उनके मोबाइल को भी जब्त कर लिया।
एडीसीपी मनीष कुमार मिश्र (ADCP Manish Kumar Mishra) ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने पर सेक्टर-37 के पास एक संदिग्ध कार को चेकिंग के लिए रोका गया। इस कार की जब चेकिंग की गई तो उसमें आठ लाख की चाइना मेड ई-सिगरेट मिली। तस्कर की पहचान रियाज अहमद निवासी उत्तराखंड हुई। वहीं सेक्टर-49 पुलिस ने प्रतापगढ़ के रंजीत को लाखों की ई-सिगरेट के साथ गिरफ्तार किया है। वर्तमान में बरौला में रह रहा रंजीत बुलेट से ई-सिगरेट की आपूर्ति करता था। मांग अधिक होने के कारण प्रतिबंधित ई-सिगरेट की कीमत भी कई गुना अधिक हो जाती है। इस प्रकार की एक सिगरेट 4 से 5 हजार रुपये में बिकती है। यह सिगरेट पीजी, कॉलेज और अन्य स्थानों पर आॅन डिमांड सप्लाई की जाती थी। तस्कर से पता लगाया गया जा रहा है कि वह यहां किसको सप्लाई करने के लिए ई-सिगरेट लाए थे। नामी कॉलेजों के आसपास इसप्रकार की ई-सिगरेट की ज्यादा आपूर्ति होती है।

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इस रास्ते से दिल्ली पहुंचाते थे खेप
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नेपाल के रास्ते ई-सिगरेट की खेप को दिल्ली लाया जाता है। दिल्ली से अन्य राज्यों और जिलों में इसे बेचने के लिए भेजा जाता है। दिल्ली और राजस्थान के आसपास ई-सिगरेट की आपूर्ति करने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं, जो प्रतिमाह लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। कुछ समय पहले सेक्टर-39 और सेक्टर-63 थाने की पुलिस ने ई-सिगरेट की तस्करी करने वाले गिरोह का पदार्फाश किया था। यहां भी नेपाल के रास्ते प्रतिबंधित ई-सिगरेट आई थी। गिरफ्त में आए आरोपियों के वाट्सऐप ग्रुप को चेक किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि ग्रुप से ग्राहकों समेत अन्य जानकारी पुलिस को मिलेगी।

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