Noida News। भारतीय संसद ने तीन ऐतिहासिक कानूनों-भारतीय दंड संहिता, 1860, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को क्रमश: भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 से प्रतिस्थापित करके आपराधिक न्याय प्रणाली में एक परिवर्तनकारी कदम उठाया है।
नए कानून की जानकारी देने के लिए सोमवार को फोनरवा कार्यालय में अपर पुलिस उपायुक्त मनीष कुमार मिश्रा, एसीपी अरविंद कुमार, SHO ध्रुव भूषण दुबे तथा अन्य अधिकारियों के साथ फोनरवा की कार्यकारिणी कमेटी की मीटिंग हुई।
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अपर पुलिस आयुक्त मनीष मिश्रा ने नए कानून के बदलाव कि जानकारी विस्तार से बताई और सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए। फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा और महासचिव के के जैन ने कहा कि हमारे सभी आरडब्ल्यूए के पदाधिकारीयो के साथ मीटिंग करके नए कानून की जानकारी दी जाए तथा उन सेक्टर में जो समस्या है उनका समाधान किया जाए। श्री मिश्रा ने आश्वाशन दिया कि हमारी कोशिश होगी कि हम सभी आरडब्ल्यूए के साथ मीटिंग करके नए कानून की जानकारी देंगे और संबंधित आरडब्ल्यूए कि समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा।
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इस अवसर परअध्यक्ष योगेंद्र शर्मा, महासचिव केके जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय भाटी, अशोक कुमार मिश्रा, सुशील यादव, देवेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष पवन यादव, त्रिलोक शर्मा, अशोक कुमार शर्मा, प्रदीप वोहरा, उपाध्यक्ष एडवोकेट लाट साहब लोहिया, कोसिन्दर यादव, भूषण शर्मा, टी सी गौड़, सुशील शर्मा , सोमपाल सिंह, वी एस नेगी, श्रीमती अंजना भागी, दिनेश भाटी, विनोद शर्मा, जितेन्द्र सिंह, धीरज शर्मा, विनोद कुमार, दिव्य कृष्णत्रेय, सुनील वाधवा, धर्मेंद्र शर्मा, जीसी शर्मा, अनिल त्यागी, बेगराज सिंह, सुभाष भाटी, देवेंद्र कुमार, राजेश कुमार, डी डी तिवारी, ए के सहगल, दिनेश कुमार शर्मा, एस के वर्मा, नीरज शर्मा, पुलकित गुप्ता, प्रमोद वर्मा, सतनारायण गोयल तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।