Police Bharti: झारखंड पुलिस भर्ती बनी मौत की ‘दौड़’, कैसे गई 11 अभ्यर्थ‍ियों की जान
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Police Bharti: झारखंड पुलिस भर्ती बनी मौत की ‘दौड़’, कैसे गई 11 अभ्यर्थ‍ियों की जान

Police Bharti: झारखंड में सिपाही भर्ती परीक्षा में फिजिकल टेस्ट के दौरान करीब 11 अभ्यर्थियों की मौत के मामले से हड़कंप मचा हुआ है. अलग अलग जिले में इन अभ्यर्थ‍ियों की दौड़ने के दौरान मौत हो गई थी. आखि‍र ये मौतें कैसे हुईं, इसके पीछे क्या कारण रहे होंगे. ये सभी सवाल हर किसी को परेशान कर रहे हैं. इस पर एक्सपर्ट डॉक्टर्स भी अपना अपना पक्ष रख रहे हैं. इतना ही नहीं, 100 से अधिक उम्मीदवार अस्पताल में भर्ती हैं. बता दें कि इन दिनों बिहार और यूपी में भी पुलिस भर्ती परीक्षाएं चल रही हैं, हालांकि दोनों जगहों पर अभी लिखित परीक्षाएं समाप्त हुई हैं. इसके बाद यहां भी फिजिकल टेस्ट की बारी है. आइए जानते हैं कि झारखंड में कितने मिनट में कितने किलोमीटर की दौड़ लगानी होती है और बिहार और यूपी में यह समय और दूरी कितनी है?

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पुलिस का कहना है की इस दौरान रांची में 1, हजारीबाग और गिरिडीह में 4, पलामू में 4, मुसाबनी और साहेबगंज में 2 मौतें हुई है. पुलिस प्रवक्ता एवी.होमकर ने बताया कि केस दर्ज करके मामले की जांच की जा रही है. अभ्यर्थियों के मौत को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. वहीं, डॉक्टर्स का कहना है कि जिन्होंने प्रैक्टिस नहीं की उनके साथ कुछ समस्या हो सकती है.

किन अभ्यर्थियों की हुई मौत?
झारखंड के हजारीबाग जिले के पदमा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में पिछले दिनों उत्पाद विभाग के सिपाही दौड़ में रामगढ़ जिले के मांडू थाना क्षेत्र के बलसागरा गांव के एक युवक महेश कुमार भी शामिल हुआ था. इस दौड़ के छठे राउंड के बाद महेश कुमार बेहोश हो गया जिसे आनन फानन में हजारीबाग सदर अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों से उसे मृत घोषित कर दिया. महेश कुमार महतो के पिता मित्र लाल महतो ने आरोप लगाया है कि मेरे बेटे की जान प्रशासन और डॉक्टर की लापरवाही के कारण हुई है.

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झारखंड के एक्साइज डिपार्टमेंट में सिपाहियों की भर्तियां हो रही हैं. ये भर्तियां दसवीं पास उम्मीदवारों के लिए हैं. उत्पाद सिपाही के लिए जो भर्तियां निकली हैं, उनके लिए फिजिकल टेस्ट कराए जा रहे हैं. फिजिकल टेस्ट के दौरान अभ्यर्थियों को 10 किमी की दौड़ 60 मिनट में पूरी करनी होती है, वहीं महिलाओं के लिए 40 मिनट में 5 किमी की दौड़ लगानी होती है. इसके अलावा सामान्य, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों की हाइट 160 सेमी निर्धारित की गई है, जबकि छाती की चौड़ाई 81 सेमी होनी चाहिए. एसटी और एससी उम्मीदवारों की हाइट 155 सेमी और छाती 79 सेमी होनी चाहिए. महिलाओं के लिए हाइट 148 सेमी तय की गई है.

बिहार में कितनी होती है दौड़?
अभी बिहार पुलिस कांस्टेबल की भर्तियां हो रही हैं। यहां लिखित परीक्षा हो चुकी है और कुछ दिनों बाद फिजिकल परीक्षा शुरू होगी. बिहार पुलिस कांस्टेबल के लिए पुरुषों को 6 मिनट में 1.6 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होती है. इसी तरह महिलाओं को 5 मिनट के अंदर 1 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होती है. लंबाई की बात करें, तो सामान्य या ओबीसी वर्ग के पुरुष उम्मीदवारों की लंबाई 165 सेमी होनी चाहिए. ईडब्ल्यूएस/एसटी/एससी वर्ग के उम्मीदवारों की हाइट 160 सेमी होनी चाहिए. महिला उम्मीदवारों के लिए लंबाई 155 सेमी तय की गई है. सामान्य या ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों की छाती की चौड़ाई बिना फुलाए 81 सेमी और फुलाने के बाद 86 सेमी होनी चाहिए. एसटी और एससी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह बिना फुलाए 79 सेमी और फुलाने के बाद 84 सेमी होनी चाहिए.

यूपी में 4.8 किमी की दौड़
यूपी में भी पुलिस कांस्टेबल की भर्तियां चल रही हैं. यहां भी अब लिखित परीक्षा के बाद फिजिकल टेस्ट होंगे. यूपी पुलिस भर्ती में पुरुषों को 25 मिनट में 4.8 किमी की दौड़ लगानी होती है, वहीं महिलाओं को 2.4 किमी की दौड़ 14 मिनट में पूरी करनी होती है. सामान्य और ओबीसी वर्ग के पुरुषों की हाइट न्यूनतम 168 सेमी निर्धारित है. एसटी/एससी उम्मीदवारों की हाइट 160 सेमी होनी चाहिए। सामान्य और ओबीसी वर्ग की महिला उम्मीदवारों की लंबाई 152 सेमी तय की गई है. एसटी/एससी वर्ग की महिला उम्मीदवारों की न्यूनतम हाइट 147 सेमी होनी चाहिए. पुलिस कांस्टेबल के लिए पुरुषों की छाती की चौड़ाई कम से कम 79 सेमी होनी चाहिए. सामान्य और ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों की छाती फुलाने पर 84 सेमी होनी चाहिए. एसटी वर्ग के उम्मीदवारों की छाती की चौड़ाई बिना फुलाए 77 सेमी और फुलाने पर 82 सेमी होनी चाहिए.

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झारखंड में क्यों कराई जा रही इतनी लंबी दौड़?
अगर यूपी, बिहार और झारखंड की पुलिस भर्ती प्रक्रिया को देखें तो सबसे अधिक लंबी दूरी की दौड़ झारखंड उत्‍पाद सिपाही भर्ती के लिए कराई जा रही है. झारखंड में कई अभ्यर्थियों की मौत के बाद अब सवाल यह उठने लगा है कि आखिर झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती में अभ्यर्थियों को 10 किमी की दौड़ 60 मिनट में क्यों कराई जा रही है, जबकि यूपी पुलिस भर्ती में महज 4.8 किमी की दौड़ लगानी होती है और उसके लिए 25 मिनट का समय दिया जाता है. वहीं, बिहार में 6 मिनट में 1.6 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होती है, तो झारखंड में इतनी लंबी दौड़ क्यों कराई जा रही है? कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि लगातार अधिक दौड़ने से हार्ट अटैक के कारण अभ्यर्थियों की मौत हुई है.

कैबिनेट मंत्री रामदास सोरेन ने कही ये बात
इस मुद्दे पर कैबिनेट मंत्री रामदास सोरेन ने अलग ही बयान दिया है. उन्होंने कहा कि क्या किया जाए बहाली की प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाए क्या. इन लोगों ने 15 साल सत्ता में रहने के बावजूद बहाली क्यों नहीं की. पहले तो कहते है कि सरकार नियुक्ति नहीं देती. बरसात में जब दौड़ करवाया जा रहा है तो उसमे भी समस्या है.
पलामू में अब इन घटनाओं के बाद दौड़ कमांडेंट मुकेश कुमार ने बताया कि दौड़ सुबह 4 बजे से आयोजित करवाई जा रही है. इसके पहले पुलिस मुख्यालय ने एक वीडियो जारी कर बहाली प्रक्रिया जहां चल रही है, वहां अभ्यर्थियों को प्रदान की जा रही सुविधाओं को गिनवाया था.

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