पीएम नरेंद्र मोदी का चेहरा और 2024 का चुनाव
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पीएम नरेंद्र मोदी का चेहरा और 2024 का चुनाव

लेखक सरफराज सैफी, न्यूज़ एंकर: भारतीय जनता पार्टी आज की तारीख में देश की सबसे बड़ी और प्रभावशाली पार्टी मानी जाती है….एक विशेष साक्षात्कार के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से 2024 तक भारत के नेता के रूप में अपनी यात्रा पर विचार किया और कहा कि उन्होंने अपना कार्यकाल लोगों को विकास की पेशकश की आशा के साथ शुरू किया….. जो अब लोगों के लिए गारंटी बन गया है…..पीएम मोदी ने बताया कि जब उन्होंने 2014 में पहली बार प्रचार किया था, तो मतदाताओं को बदलाव की उम्मीद थी क्योंकि वे पिछली सरकार से तंग आ चुके थे, एक ऐसी उम्मीद जिसे वह पूरा करने में सक्षम थे…. 2019 तक वह आशा विश्वास में बदल गई और अब 2024 में लोग उनकी बात को गारंटी के रूप में लेते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि “मोदी है तो मुमकिन है….अटल बिहारी वाजपेयी के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सबसे ज़्यादा ताक़तवर हुई…. 1985 में पीएम मोदी राजनीति में एंट्री की और बीजेपी से जुड़ गए….. मोदी की सक्रियता को देखते हुए उनको पार्टी में जल्द ही बड़ी जिम्मेदारियां मिलने लगीं….1988-89 में मोदी को गुजरात बीजेपी में महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद मोदी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलता की सीढ़ियां छूते गए…. 1995 में मोदी को बीजेपी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया….बात साल 2001 की है, जब गुजरात भूंकप आया था…. इससे राज्य में काफी तबाही हुई थी…. इस घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था…. इस घटनाक्रम के बाद मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने….. उन्हें उनके अच्छे कामों के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) गुजरात का मुख्यमन्त्री चुना….इसके बाद
2014 में लोकसभा चुनाव हुए…. एनडीए की तरफ से मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया….. मोदी की आंधी में एनडीए ने इस आम चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की और मोदी देश के प्रधानमंत्री बने….2014 के बाद से बीजेपी की चुनाव जीतने की मशीन होने की छवि लगातार मजबूत हो रही है….. आंकड़े बताते हैं कि नरेंद्र मोदी अपने दम पर बीजेपी को करोड़ों वोट दिला देते हैं… 1980 से लेकर 2024 तक भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो जनता पार्टी में विभाजन के बाद 1980 में बीजेपी का गठन 1984 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 224 सीटों पर चुनाव लड़ी थी… लेकिन सिर्फ 2 लोकसभा सीट ही जीत सकी… लेकिन 5 साल बाद यानी 1989 के चुनाव में ये दो सीटें बढ़कर 85 तक पहुंच गई… तब बीजेपी 225 सीटों पर चुनाव लड़ी थी…इसके बाद 1991 में बीजेपी सबसे ज्यादा 468 सीटों पर चुनाव लड़ी और उनमें से 120 सीटों पर जीत हासिल हुई… साल 1996 में बीजेपी को बड़ी सफलता मिली… अटल बिहारी वाजपेयी का चेहरा बनाकर बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी बन गई… 1996 के चुनाव में बीजेपी 471 सीटों पर चुनाव लड़ा और 161 सीटें मिली… 1998 में फिर चुनाव हुए… बीजेपी सिर्फ 388 सीटों पर चुनाव लड़ा और 182 सीटें जीतीं… 1998 और 1999 में बीजेपी ने गठबंधन की सरकार बनाई…लेकिन 2004 में बीजेपी को बड़ा झटका लगा… और पार्टी 138 सीटों पर सिमट गई… 2009 में तो सिर्फ 116 सीटें ही आई…ये वक्त बीजेपी के लिए संकट काल का था… 2014 में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को अपनी पार्टी का चेहरा बना दिया… नतीजा ये हुआ कि भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार 282 सीटें जीत कर स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई… 2019 में तो मोदी के नाम की आंधी सुनामी में बदल गई… और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर बीजेपी को 303 सीटें हासिल हुई…पिछले 10 सालों में चुनाव चाहे लोकसभा के हो या राज्यों के विधानसभाओं के नरेंद्र मोदी के चेहरे ने बीजेपी को बंपर सीटें दिलवाई है… लेकिन सवाल है कि ये सीटें चुनावी गुणा गणित की वजह से मिली है या बीजेपी का वोट बैंक भी इतनी ही तेजी से बढ़ा है…बीजेपी को 1984 के चुनावों में सिर्फ 1 करोड़ 80 लाख वोट मिले थे… 1989 में वोट 3 करोड़ 40 लाख पर पहुंचा…फिर 1991 में बीजेपी को देश भर में 5 करोड़ 50 लाख वोट हासिल हुए… 1996 में 6 करोड़ 80 लाख…1998 में 9 करोड़ 40 लाख… 1999 के चुनावों में 8 करोड़ 70 लाख वोट हासिल हुए…2004 में बीजेपी के वोट फिर घट गए तब बीजेपी को 8 करोड़ 60 लाख वोट मिले… 2009 के चुनावों में बीजेपी के वोटर और कम हो गए, तब बीजेपी को सिर्फ 7 करोड़ 80 लाक वोट हासिल हुए…लेकिन 2014 में बीजेपी ने जैसे ही मोदी का चेहरा सामने रखा… बीजेपी का वोट दो गुणे से भी ज्यादा बढ़ गया… 2014 के चुनावों में बीजेपी को 17 करोड़ 20 लाख वोट हासिल हुए… यानी 2009 के तुलना में मोदी के चेहरे ने बीजेपी को 9 करोड़ 40 लाख ज्यादा वोट दिलवाए… 2019 में बीजेपी ने इससे भी बेहतर प्रदर्शन किया बीजेपी के कुल वोट 2014 के 17 करोड़ 20 लाख से बढ़कर 22 करोड़ 90 लाख हो गए…अब इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक का सबसे बड़ा टारगेट सेट किया है… बीजेपी को 370 पार और एनडीए को चार सौ पार का नारा दिया है… अब सवाल ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतने बड़े करिश्मे की उम्मीद क्यों है… बीजेपी को इसकी वजह मोदी लहर लगती है…2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव परिणामों की तुलना से एक पैटर्न सामने आता है… जो मोदी लहर का असर बताता है…देशभर की 127 सीटें ऐसी हैं जहां 2009 की तुलना में 2014 में बीजेपी के वोट शेयर 20% से ज्यादा बढ़ गए…बीजेपी ने 2009 में इन 127 सीटों में से सिर्फ पांच जीती थीं…लेकिन पांच साल बाद 2014 की मोदी लहर में बीजेपी 127 सीटों में से 104 सीटें जीत गईं…यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे ने बीजेपी को ना सिर्फ 99 नई सीटों पर जीत दिलवाई… बल्कि इन सीटों पर बीजेपी का वोट शेयर भी 20% से ज्यादा बढ़ा दिया… जिस मुस्लिम वोटर को बीजेपी से दूर समझा जाता था… अब उन मुस्लिम वोटर का भी एक बड़ा हिस्सा नरेंद्र मोदी के नाम पर बीजेपी को वोट देता है… अब मोदी लहर वाली इन 127 सीटों की बात करें तो 2014 में मोदी लहर में 20 फीसदी से ज्यादा वोट वाली सीटें उत्तर प्रदेश में 53 थी… जिनमें से बीजेपी ने 49 सीटें जीत ली… बिहार में ऐसी 16 सीटें थी… जिसमें से बीजेपी ने 12 सीटें जीती… राजस्थान में ऐसी 11 सीटें थी… जिनमें से सभी सीटें बीजेपी ने जीती… ऐसा ही प्रभाव महाराष्ट्र, हरियाणा,आंध्र प्रदेश, असम ,गुजरात,झारखंड, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर , मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में भी देखने को मिला….कई लोग मोदी को अपनी समस्याओं को हल करने वाला मसीहा भी मानते हैं…..मोदी ने खुद को चौकीदार कहा, देश की ज़मीन, हवा और बाहरी अंतरिक्ष, सबकी सुरक्षा करने वाला बताया और जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी को भ्रष्टाचारी बताया…..
इसके साथ उन्होंने विकास का वादा भी दोहराया…… मोदी ने ग़रीबों को ध्यान में रखकर जनकल्याण योजनाएं शुरू कीं, जिनमें ग़रीबों के लिए मकान, शौचालय, क्रेडिट, और कुकिंग गैस की व्यवस्था शामिल थीं. तकनीक के इस्तेमाल से इसे जल्द लागू किया गया….
मोदी की छवि ऐसे प्रधानमंत्री की बन गई है जिससे कि वो कईयों के लिए उम्मीद और आकांक्षाओं के प्रतीक बन गए हैं…. और 2024 का लोकसभा चुनाव हर बार की तरह इस बार भी पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जा रहा है….ऐसे में ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में मोदी बेहद मजबूत और जननेता बन गए हैं

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