पीएम मोदी ने डिजिटल मीडिया की नब्ज पहचानी और सोशल मीडिया के सरताज बन गए
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दुनिया के नंबर वन फॉलोवर्स होने का खिताब मिल गया या अपने नाम कर लिया पीएम मोदी सो सोशल मीडिया एक्स पर फॉलोवर्स की संख्या 100 मिलियन के आंकड़े को पार कर गई है। भारत को छोड़िए दुनिया में कोई भी राजनेता अभिनेता मोदी के आसपास भी नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी उनसे काफी पीछे हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले नेता बनकर उभरे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके फॉलोअर्स की संख्या 100 मिलियन यानी 10 करोड़ को पार कर गई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 27.5 मिलियन
है कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के एक्स पर 26.4 मिलियन फॉलोअर्स हैं। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को एक्स पर 19.9 मिलियन लोग फॉलो करते है, तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 7.4 मिलियन फॉलोअर्स हैं।इसके साथ ही लालू यादव को एक्स पर 6.3 मिलियन, तेजस्वी यादव के 5.2 मिलियन जबकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के 2.9 मिलियन फॉलोअर्स हैं।सोशल मीडिया के जरिए से पीएम मोदी की व्यापक लोकप्रियता और अपने समर्थकों के साथ उनकी सक्रिय भागीदारी को देखते हुए यह उपलब्धि कोई आश्चर्य की बात नहीं है।पीएम मोदी दुनिया के लोकप्रिय खिलाड़ियों से भी एक्स पर फॉलोअर्स के मामले में सबसे आगे हैं। पीएम मोदी के पास विराट कोहली (64.1 मिलियन), ब्राजील के फुटबॉलर नेमार जूनियर (63.6 मिलियन) और अमेरिकी बास्केटबॉल खिलाड़ी लेब्रोन जेम्स (52.9 मिलियन) के फ़ॉलोअर्स से भी ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं। पीएम मोदी टेलर स्विफ्ट (95.3 मिलियन), लेडी गागा (83.1 मिलियन) और किम कार्दशियन (75.2 मिलियन) जैसी मशहूर हस्तियों से भी आगे हैं। पिछले तीन साल में पीएम मोदी के एक्स हैंडल पर लगभग 30 मिलियन यूज़र की बढ़ोतरी हुई है।एक्स के अलावा उनका प्रभाव यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर भी है। यूट्यूब पर पीएम मोदी के 25 मिलियन सब्सक्राइबर जबकि इंस्टाग्राम पर 91 मिलियन से ज़्यादा फ़ॉलोअर हैं। पीएम मोदी 2009 में एक्स (पूर्व में ट्विटर) प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े थे। पीएम मोदी ने लगातार रचनात्मक जुड़ाव के लिए इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस्तेमाल किया है। पीएम मोदी कई आम नागरिकों को फ़ॉलो करते हैं, उनसे बातचीत करते हैं, उनके संदेशों का जवाब देते हैं।एक्स पर पीएम मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए, विश्व के नेता सोशल मीडिया पर पीएम मोदी से जुड़ने के लिए उत्सुक रहते हैं। क्योंकि उनके साथ जुड़ने से उनके अपने फ़ॉलोअर्स, इंगेजमेंट, व्यू और रीपोस्ट में काफी वृद्धि होती है। हमने हाल ही में इटली और ऑस्ट्रिया में भी ऐसा देखा है।पीएम मोदी ने विदेश यात्राओं और विभिन्न अभियानों के लिए सोशल मीडिया का बेहतरीन इस्तेमाल किया। ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि मोदी ने सोशल मीडिया को एक सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करके विश्व में लोकप्रियता के जिस शिखर को छुआ है, वैसा करने में दूसरे भारतीय नेताओं को वक्त लग जाएगा।
मोदी के सोशल मीडिया प्रेम की बानगी हर जगह दिखती है। चाहे वो चुनाव प्रचार हो या वोटिंग सेल्फी, सरकारी अभियान हों या विदेशी दौरे, उन्होंने सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल किया। इसी वजह से न्यूयॉर्क टाइम्स ने मोदी को ‘सोशल मीडिया पोलिटिशियन’ कहा था।पूरी दुनिया में सेल्फी का नया ट्रेंड शुरु हुआ है और नरेंद्र मोदी भी अपनी सेल्फी शेयर करने से कतराते नहीं है। आपको याद होगा कि वडोदरा में वोट देने के बाद मोदी जब वोटिंग बूथ से बाहर आए तो उन्होंने बाकायदा बड़े ही अंदाज से कमल के फूल के लोगो के साथ एक सेल्फी ली और उसे ट्विटर पर पोस्ट कर दिया। ये सेल्फी तुरंत ही वायरल हो गई और इस पर बेतहाशा रिट्वीट हुए। हालात ये थे की मोदी की सेल्फी ट्विटर पर टॉप ट्रेंड करने लगा था।
सेल्फी की बात करें और मोदी की मां का जिक्र न हो, ये संभव नहीं। ट्विटर पर मोदी की सेल्फी के ट्रेंड को उनकी मां ने ही पीछे छोड़ दिया और हीराबेन से आशीर्वाद लेते मोदी की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।
इतना ही नहीं मोदी जब भी विदेश दोरों पर गए उन्होंने सेल्फी सोशल मीडिया पर जरूर पोस्ट की। पीएम बनने के बाद मोदी जितने भी देशों की यात्रा पर गए, उन्होंने हर देश की यात्रा के दौरान सांस्कृतिक गतिविधियों को अपनी वॉल पर शेयर किया।लोगों से आमने-सामने मुलाकात करनी हो या वर्चुअल तरीके से कनेक्ट होना हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर मामले में आगे रहते हैं। 2014 के आम चुनाव में सोशल मीडिया की ताकत को भुलाया नहीं जा सकता। मोदी लहर और मजबूत सोशल मीडिया कैंपेनिंग के दम पर बीजेपी 10 साल से काबिज कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब रही। उस चुनाव में पहली बार सोशल मीडिया का इस कदर इस्तेमाल देखा गया। नरेंद्र मोदी ने इस टेक्नोलॉजी की नब्ज पहचानी और सोशल मीडिया के सरताज बन गए।2019 का लोकसभा चुनाव और उसके बाद 2024 का लोकसभा चुनाव के समय भी पीएम मोदी ने सरकार की योजनाओं को सोशल मीडिया कैंपने से जोड़ने का काम किया जिसकी वजह से योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंची।इसके साथ ही कोविड-19 के समय से वर्चुअल मीटिंग का दौर भी शुरू हुआ जिसके जरिए लोगों से सीधे पीएम मोदी कनेक्ट होते हैं।लोकसभा एवं दर्जनों विधानसभा व निकाय चुनाव जीते. इसकी सफलता से उत्साहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘नया भारत’ को डिजिटली सशक्त बनाने का फैसला किया और ‘डिजिटल इंडिया’ का नारा दिया, इस अभियान को सफलता भी मिली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया का नारा जिस तरीके से दिया ठीक उसी तरीके से उन्होंने डिजिटल मीडिया पर भी अपना लोहा मनवा लिया। नरेंद्र मोदी एक के बाद एक डिजिटल मीडिया के जरिए छाए रहते हैं और इसी का फायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी पार्टी को मिलता है। साल 2015 से लेकर 2024 में नरेंद्र मोदी ने डिजिटल के जरिए अपनी एक पहचान खड़ी की, अपनी पहचान को बुलंद किया।इसका नतीजा यह हुआ कि डिजिटल मीडिया में नरेंद्र मोदी दुनिया के नंबर वन फॉलोवर वाले नेता बन गए हैं। इंडिया गठबंधन के तमाम नेताओं के जितने फॉलोअर्स नहीं है उससे ज्यादा अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हैं। यह नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता है यह नरेंद्र मोदी का कैंपेन है यह नरेंद्र मोदी के काम करने का तरीका है। नरेंद्र मोदी ने अपने आप को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लोगों में सबसे आगे बना लिया जो कि डिजिटल मीडिया पर उनकी सशक्त उपस्थिति को दर्शाता है और ये करवा आगे बढ़ता रहने वाला है
सरफराज सैफी
न्यूज़ एंकर / वरिष्ठ पत्रकार