प्रेम-प्रसंग और बेवफाई का शक बना हत्या की वजह
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह हत्या प्रेम-प्रसंग और बेवफाई के शक से जुड़ा मामला है। पुलिस जांच में सामने आया है कि शुभम और मृतका अंजली (15) के बीच स्कूल के दिनों से प्रेम संबंध था। दोनों की दोस्ती रोशन ने ही कराई थी, जो अंजली का सहपाठी था। हालांकि, परिवार वालों की असहमति के कारण दोनों का रिश्ता टूट गया। हाल ही में शुभम को पता चला कि अंजली किसी और के संपर्क में है, जिससे वह बुरी तरह आहत और आक्रोशित हो गया। उसकी सोच थी, “अगर वह मेरी नहीं हो सकती, तो किसी और की भी नहीं होगी।” इसी गुस्से में उसने अपने दोस्त रोशन के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
कैसे अंजाम दी गई वारदात?
पुलिस के अनुसार, 31 जुलाई की शाम शुभम ने खगौल के मोती चौक से एक दुकान से केरोसिन तेल खरीदा और रोशन के साथ अंजली के घर पहुंचा। उस समय अंजली और उसका 10 वर्षीय भाई अंशु घर में अकेले थे। शुभम ने पहले अंजली से बहस की, जिसके बाद उसका भाई अंशु जाग गया। गुस्से में शुभम ने अंशु के सिर पर ईंट से वार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद अंजली का तकिए से मुंह दबाकर या गला घोंटकर हत्या की। सबूत मिटाने के लिए दोनों ने शवों पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी और घटना को हादसे का रूप देने की कोशिश की। हत्या के बाद शुभम और रोशन घर का दरवाजा बंद कर फरार हो गए।
मां का सांत्वना देने जाना और खुलासा
घटना के बाद जब अंजली और अंशु की मां शोभा देवी, जो पटना एम्स में गार्ड के रूप में काम करती हैं, ड्यूटी से घर लौटीं, तो उन्हें दरवाजा खुला और अंदर का कमरा बंद मिला। शक होने पर उन्होंने पड़ोसियों और मजदूरों की मदद से कमरा खोला, जहां दोनों बच्चों के जले हुए शव बेड पर मिले। इस दुखद घटना की खबर फैलते ही शुभम की मां, जो शोभा देवी की सहकर्मी और पड़ोस में रहने वाली थी, सांत्वना देने मृतकों के घर पहुंची। उस समय उसे नहीं पता था कि उसका बेटा ही इस अपराध का मुख्य आरोपी है। बाद में पुलिस की जांच और गिरफ्तारी के बाद यह सनसनीखेज खुलासा हुआ, जिसने शुभम की मां को भी स्तब्ध कर दिया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और गिरफ्तारी
पटना पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसका नेतृत्व सिटी एसपी (पश्चिमी) भानु प्रताप सिंह ने किया। पुलिस ने तकनीकी और मानवीय सूचनाओं के आधार पर 24 घंटे के भीतर शुभम और रोशन को गिरफ्तार कर लिया। रोशन की भूमिका मुख्य रूप से सबूत मिटाने में थी, जैसे कॉल डिटेल और चैट हटाना। पुलिस उस दुकानदार से भी पूछताछ कर रही है, जिससे केरोसिन खरीदा गया था। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि दोनों आरोपियों पर स्पीडी ट्रायल चलाकर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
गांव में मातम और आक्रोश
इस घटना के बाद नगवां गांव और जानीपुर मोड़ पर भारी तनाव और आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने सीपीआई (एमएल) विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में सड़क जाम कर धरना-प्रदर्शन किया और आरोपियों को फांसी देने की मांग की। इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया। मृतकों के पिता ललन गुप्ता ने दोनों बच्चों को मुखाग्नि दी, और पूरे गांव में मातम का माहौल है।

