Parliament Winter Session: संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में विपक्षी सांसद गृह मंत्री के बयान और आरोपियों के पास जारी करने वाले बीजेपी सांसद के खिलाफ एक्शन की मांग कर रहे हैं. हंगामा करने और चेयर का अपमान करने के आरोप में अब तक विपक्ष के 15 सांसदों को सस्पेंड किया गया है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कहा कि हम सब सहमत हैं कि कल (बुधवार, 13 दिसंबर) की दुर्भाग्यपूर्ण घटना लोकसभा सदस्यों की सुरक्षा में गंभीर चूक थी और इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश पर उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है.
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उन्होंने कहा, ”इस मुद्दे पर किसी भी सदस्य से राजनीति की अपेक्षा नहीं की जाती, हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना होगा. संसद में सुरक्षा में चूक की इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं और उस समय के लोकसभा अध्यक्षों के निर्देशानुसार कार्यवाही चलाई जाती रही है.”
सांसदों के निलंबन पर JDU अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि सरकार की नाकामी को छुपाने के लिए आज सांसदों को सस्पेंड किया गया है. सरकार अपनी नाकामी को छिपा रही है.
कौन-कौन सांसद हुए निलंबित?
बता दें कि निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों में बेनी बेहानन, वीके श्रीकंदन, मोहम्मद जावेद, पीआर नटराजन, कनिमोझी करुणानिधि, के सुब्रमण्यम, एसआर पार्थिबन, एस वेंकटेशन, मनिकम टैगोर, टीएन प्रतापन, हिबी ईडन, एस जोथिमणि, राम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस शामिल हैं।
विपक्ष की मांग
आज सुबह संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले आगे की रणनीति को लेकर विपक्षी दलों की बैठक हुई. इस बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, ”INDIA की पार्टियां मांग कर रही हैं: 1. कल संसद में हुई बेहद गंभीर और ख़तरनाक सुरक्षा चूक पर दोनों सदनों में गृह मंत्री विस्तृत बयान दें और उसके बाद इसपर चर्चा हो.”
उन्होंने आगे कहा, ”घुसपैठ करने वालों को विजिटर पास दिलवाने वाले BJP सांसद प्रताप सिम्हा के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई हो. मोदी सरकार द्वारा इन पूरी तरह से वैध और उचित मांगों को मानने से इंकार करने के कारण आज सुबह लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित हो गई.”
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