Parliament Special LIVE : स्वतंत्र भारत के 75 साल बाद आज देश की नई संसद का श्रीगणेश हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों ने दोपहर 12.55 पर पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल से निकलकर नई संसद में प्रवेश किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व अन्य सांसदों के साथ ठीक 01.01 मिनट पर नई संसद में प्रवेश किया। नई संसद में 1.15 पर कार्यवाही शुरू हुई। अब पुरानी संसद की 75 साल की गाथा पर विराम लग गया है।
आज पुरानी संसद का आखिरी दिन था। देश को आजादी के 75 साल बाद आज नया संसद भवन मिल गया। विशेष सत्र में पुरानी संसद के विदाई भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने और तीन तलाक जैसे मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने सांसदों से कहा कि पुरानी संसद की गरिमा खत्म न होने पाए। प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन का नाम ‘संविधान सदनÓ रखा। आज सुबह पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम रखा गया जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मौजूद रहे। संसद के सेंट्रल हॉल कार किया। सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, ये भवन और उसमें भी ये सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है, ये हमें भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्यों के लिए प्रेरित भी करता है। 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी माननीय सांसदों को संबोधित किया है। हमारे सभी राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया है।
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पीएम मोदी ने बताया क्या होगा पुराने संसद भवन का नाम
उस समय गुट निरपेक्ष की नीति जरूरी रही होगी लेकिन आज हम विश्व मित्र की सोच लेकर चल रहे हैं। दुनिया हमसे मित्रता करना चाहती है। इस भाव को हम सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं। इसका भी भारत को लाभ हो रहा है। भारत एक स्टेबल सप्लाई चेन के रूप में उभर रहा है। जी20 सम्मेलन में जो बीज बोया गया है आने वाले समय में वह ऐसा वटवृक्ष बनने वाला है जिसके स ाए में आने वाली पीढिय़ां सदियों तक गर्व के साथ सीना तानकर खड़ी रहेंगी। इस जी20 में बहुत बड़ा काम हुआ है। बायोफ्यूल अलायंस का। हम विश्व को दिशा दे रहे हैं। बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा हो रहा है जिसका नेतृत्व हमारा भारत करेगा। आज हम यहां से विदाई लेकर नए भवन में जा रहे हैं। गणेश चतुर्थी के दिन हम नए भवन में बैठ रहे हैं। लेकिन मैं दोनों ही सदन अध्यक्षों से प्रार्थना कर रहा हूं, आशा है कि आप दोनों उस विचार पर मंथन करके निर्णय जरूर करिए। मेरा सुझाव है कि जब हम नए सदन में जा रहे हैं तब इसकी गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे पुरानी पार्ल्यामेंट कहकर छोड़ दें इसलिए प्रार्थना है कि भविष्य में अगर सहमति दें तो इसको संविधान सदन के रूप में जाना जाए। इससे उन लोगों को नमन होगा जो यहां बैठा करते हैं। यह भावी पीढ़ी को एक तोहफा होगा।
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पीएम ने कहा, संसद ने बीते वर्षों में ट्रांसजेंडर को न्याय देने वाले कानूनों का भी निर्माण किया। इसके माध्यम से हमने ट्रांसजेंडर को भी सद्भाव और सम्मान के साथ नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाकी सुविधाएं देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसी संसद की वजह से मुस्लिम माताओं-बहनों को न्याय मिला, ‘तीन तलाकÓ का विरोध करने वाला कानून एकजुट होकर यहां से पारित हुआ।
पीएम ने कहा, आज जम्मू कश्मीर शांति और विकास के रास्ते पर चल पड़ा है और नई उमंग, नए उत्साह, नए संकल्प के साथ वहां के लोग आगे बढऩे का कोई मौका अब छोडऩा नहीं चाहते। हमने इस सदन में अनुच्छेद-370 से मुक्ति पाने, अलगाववाद एवं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लडऩे का महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस काम में माननीय सांसदों और संसद की बहुत बड़ी भूमिका है। जम्मू कश्मीर में इसी सदन में निर्मित संविधान लागू किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज तक, लोकसभा और राज्यसभा द्वारा संयुक्त रूप से 4,000 से अधिक कानून पारित किए गए हैं। इसके अलावा दहेज निषेध कानून और आतंकवाद विरोधी कानून जैसे कई महत्वपूर्ण कानून संसद के संयुक्त सत्र के दौरान और इसी सेंट्रल हॉल में ही पारित किये गये हैं।
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प्रधानमंत्री बोले, दुनिया का बैंकिंग सेक्टर फिर एक बार चर्चा का केंद्र बना है। जी20 में मैंने बाली में भी देखा कि तकनीकी दुनिया को लेकर भारत का नौजवान जिस तरीके से आगे बढ़ रहा है यह पूरे विश्व के लिए कौतुक है। हम सब उस कालखंड में हैं, ऐसे भाग्यवान समय में हमें दायित्व निभाने का अवसर आया है। हमारा भाग्य है कि आज ऐस्पिरेशन उस ऊचाई पर है जो शायद हजार साल में नहीं रहे। गुलामी की जंजीरों ने जुनून को दबा रखा था। लेकिन मिलकर आज हम जहां पहुचे हैं वहां रुकना नहीं चाहता है। जब एस्पिरेशन सोसाइटी सपने संजोती हो। संकल्प लेकर निकली हो तब पुराने कानूनों से मुक्ति पाकर नए कानूनों का निर्माण करके उज्ज्वल भविष्य क े लिए एक मार्ग प्रसस्त करने का दायित्व हम सभी सांसदों का होता है। क्याकभी छोटे कैनवस पर बड़ा चित्र बना सकता है क्या? जैसे छोटे कैनवस पर बड़ा चित्र नहीं बन सकता वैसे ही हम भी अगर सोच का कैनवस बड़ा नहीं करेंगे तो भव्य भारत की चित्र नहीं अंकित कर सकते। 75 साल का अनुभव है। हमारे पूर्वजों ने जो भी रास्ते बनाए उससे हमने सीखा है। हमारे पास एक बड़ी विरासत है। इसके साथ अगर हमारे सपने जुड़ जाएँ, सोचने का दायरा बड़ा हो जाए तो हम भी भव्य भारत का चित्र खींच सकते हैं। उसमें रंग भर सकते हैं।
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आज नए संसद भवन में प्रवेश करना ऐतिहासिक पल है : पीयूष गोयल
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि आज नए संसद भवन में प्रवेश करना ऐतिहासिक पल है, जो हम सबके लिए यादगार रहेगा। मैं सबको इसके लिए धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा- कई सारी चुनौतियां अभी बाकी है। पिछले 10 वर्षों में हम इस तरफ काफी आगे बढ़ चुके हैं। हम सब मिलकर काम करेंगे। लक्ष्य बढ़ा है और कठिन है, लेकिन मुश्किल नहीं है। नई संसद अपनी विशाल और उत्कृष्ट भव्यता के साथ आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक होगी।
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