दहेज से संतुष्ट न होकर पति समेत अन्य लोगों पर उत्पीड़न का था आरोप
Firozabad news : अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिकोहाबाद सुब्रत पाठक ने थाना नसीरपुर से संबंधित घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत विवाहिता को दो लाख रुपये एकमुश्त चिकित्सीय व्यय दो माह के अंदर तथा भरण पोषण के रूप में प्रार्थना पत्र के दिनांक से 10 हजार रूपये प्रति माह दिये जाने का आदेश पारित किया। भरण पोषण की कुल धनराशि एक माह के अंदर अदा करने का आदेश दिया है।
मामला थाना नसीरपुर के गढ़ी दानसहाय निवासी ओमवीर सिंह की पुत्री प्रेमवती उर्फ आरती से जुड़ा है। उन्होंने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत परिवाद पत्र दाखिल करते हुए आरोप लगाया कि उसकी शादी आठ मार्च 2019 को थाना नगला सिंघी के दारापुर निवासी हरेश यादव के साथ हुई थी। शादी में सात लाख का सामान दिया था। कुल 12 लाख रुपये खर्च किया था। दहेज से संतुष्ट न होकर पति हरेश यादव, ससुर राजकुमार यादव, सास ओमवती, देवर रामब्रजेश, हृदेश उर्फ हीरो, ननद मीरा देवी, ननदोई रविन्द्र सिंह ने उत्पीड़न प्रारंभ कर दिया। 25 दिसंबर को मारपीट करने के साथ उसे घर से बाहर निकाल दिया था । बिना कार के आने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया ।
न्यायाधीश सुब्रत पाठक ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर विवाहिता को दो लाख रुपये एकमुश्त चिकित्सा व्यय दो माह के अंदर देने तथा भरण पोषण के रूप में प्रार्थना पत्र के दिनांक से दस हजार रुपये प्रति माह की 10 तारीख को दिए जाने के आदेश दिए हैं। धनराशि को एक माह के अंदर भुगतान के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने विपक्षीगण को आदेश दिया कि विवाहिता के साथ घरेलू हिंसा न करने के साथ साक्षी गृहस्थी से बेदखल न किया जाए। मानसिक, शारीरिक क्षति न पहुॅचाएं। न्यायालय ने आदेश की प्रति जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं सम्बंधित थानाध्यक्ष को आदेश का पालन किये जाने का भी आदेश पारित किया है ।