नई दिल्ली । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से घर आकर मुलाकात की और भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ ‘आप’ की सरकार का समर्थन करने की घोषणा की। इन नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक केंद्र के अध्यादेश समेत अन्य राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, नीतिश कुमार और तेजस्वी यादव ने मीडिया के माध्यम से दिल्ली और देश की जनता के समक्ष अपनी बात रखी।
केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ खड़े होने के लिए दोनों नेताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार की तानाशाही समेत कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई। विपक्ष को एकजुट होकर हमें केंद्र की भाजपा सरकार के इस तानाशाही अध्यादेश को संसद में हराना होगा।
अगर राज्यसभा में यह बिल हार गया तो वो 2024 का सेमी फाइनल होगा और पूरे देश में संदेश चला जाएगा कि 2024 में भाजपा की सरकार जा रही है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली की चुनी हुई सरकार को काम करने से रोकने पर आश्चर्य जताया और पूरे देश में भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ अभियान चलाने की बात कही।
दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को प्रचंड बहुमत दिया है। पूरा देश इस बात को मानता है कि ‘आप’ की सरकार दिल्ली में बहुत अच्छा काम कर रही है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ गया। इसके बाद भी अगर राज्य सरकार को काम करने से रोक दिया जाएगा तो यह बहुत ही आश्चर्य की बात है। हम लोग पूरी तरह से अरविंद केजरीवाल के साथ हैं। हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा विपक्षी पार्टियां एकजुट हो जाएं और मिलकर पूरे देश में अभियान चलाएं कि कानून का पालन होना चाहिए और आपस में प्रेम व भाई-चारे का भाव होना चाहिए। जिस तरह से लोगों के बीच में विवाद करने की कोशिश होती है, उसको बंद करना चाहिए, तभी देश आगे बढ़ेगा। अरविंद केजरीवाल बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। हम सभी लोग पूरी तरह से इनके साथ हैं।
पूरे देश में विपक्ष हो एकजुट: नीतीश कुमार
मीडिया से बात-चीत करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बहुत अच्छा फैसला दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार द्वारा जो कुछ भी करने की कोशिश हो रही है, यह एक विचित्र बात है। चुनी हुई सरकार जब बनती है तो उसे संविधान में कुछ अधिकार दिए गए हैं। उस अधिकार को कोई कैसे हटा सकता है। ये किस तरह हो रहा है? इसलिए हम लोग कह रहे हैं कि पूरे देश में विपक्ष एकजुट हो, ताकि इनकी मनमानी को रोका जा सके।
केजरीवाल सरकार को किया जा रहा है परेशान: तेजस्वी
नीतीश के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार को संविधान के तहत अधिकार मिले हैं। जिन राज्यों में गैर भाजपा की सरकारें हैं, उनको भाजपा लगातार परेशान कर रही है। अरविंद केजरीवाल आज जो परेशानी झेल रहे हैं, हम उसमें उनको अपना समर्थन देने आए हैं। केंद्र सरकार दिल्ली की जनता के साथ अन्याय कर रही है। जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है तो सारी चीजें स्पष्ट हो गई हैं।
इसके बाद भी अरविंद केजरीवाल की सरकार को परेशान किया जा रहा है। दिल्ली के अलावा दूसरे गैर भाजपाई राज्यों के साथ भी केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है। यह कहीं से भी न्यायपूर्ण नहीं है। यह साफ दिखाता है कि लोकतंत्र पर खतरा है और ये लोग संविधान को बदलना चाहते हैं, जिसे हम लोग होने नहीं देंगे। उन्होंने प्रश्न करते हुए कहा कि अगर दिल्ली में भाजपा की सरकार होती तो क्या इस प्रकार का काम करने की एलजी की हिम्मत होती। ये लोग जितना अरविंद केजरीवाल को सताएंगे, ये उतने ही मजबूत होंगे। वह पूरे विश्वास के साथ कह रहे है कि भाजपा दिल्ली में कभी भी वापसी नहीं करेगी। हम सभी लोग अरविंद केजरीवाल के साथ हैं और सब लोग मिककर देश हित के लिए काम करेंगे।
यह भी पढ़े : आवासीय स्कीम निरस्त करने पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को हाईकोर्ट ने फटकारा
ममता बनर्जी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मिलने जाएंगे केजरीवाल
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के बातचीत करते हुए कहा कि 23 मई को वह कोलकाता जाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलेंगे। वहां हमारी मुलाकात दोपहर 3 बजे होगी। इसके बाद वह एक-एक कर पूरे देश के अंदर सभी पार्टियों के अध्यक्ष से मिलने के लिए जायेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी निवेदन किया है कि वे भी सभी राजनीतिक पार्टियों से बात करें।
वह हर राज्य में जाकर एक-एक विपक्षी पार्टी के नेताओं से मिलेंगे और राज्यसभा में जब ये बिल आए, तो इसे हराने के लिए सबसे अपील करेंगे। इसके बाद केजरीवाल शरद पवार और उद्धव ठाकरे से भी मिलने जाएंगे। केजरीवाल 24 मई को मुम्बई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे और 25 मई को मुम्बई में ही शरद पवार से मिलेंगे।