Operation Kayakalp। उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव ला रही है। इसी क्रम में मथुरापुर दादरी में हाईटेक और अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित प्राथमिक विद्यालय के नवनिर्मित भवन का बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के विजन को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों का अभूतपूर्व कायाकल्प किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्वगुरू बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि अगर देश को विकसित बनाना है तो विद्यालयों को आधुनिक और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करना होगा, क्योंकि भारत के भविष्य का रास्ता इन्हीं विद्यालयों से होकर गुजरता है। इस अवसर पर पूर्व की सरकारों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक ऐसे विद्यालयों की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। पहले स्कूलों की स्थिति बहुत खराब थी। पढ़ाने के लिए ब्लैकबोर्ड नहीं होते थे, बच्चों के बैठने के लिए सीट नहीं थी, छत से पानी टपकता था। लेकिन अब प्रदेश में ऐसा कोई विद्यालय नहीं है, जहां मूलभूत सुविधाएं न हों। उन्होंने कहा कि ‘आॅपरेशन कायाकल्प’ के जरिए सरकार यूपी के स्कूलों का कायाकल्प कर रही है। प्रदेश के 1 लाख 30 हजार परिषदीय विद्यालयों में 1 करोड़ 57 लाख से अधिक बच्चों को अत्याधुनिक शिक्षा दी जा रही है। इन विद्यालयों में कुल 19 पैरामीटर पर कार्य किया गया है, जिनमें से 97 प्रतिशत लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं।
संदीप सिंह ने विद्यालय के नवनिर्मित भवन की सराहना करते हुए कहा कि यह विद्यालय कान्वेंट और पब्लिक स्कूलों से किसी भी मायने में कम नहीं है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार सिर्फ विद्यालयों के ढांचे को आधुनिक नहीं बना रही, बल्कि शिक्षकों को भी उच्च स्तरीय सुविधाएं देकर उन्हें शिक्षण कार्य में पूरी तरह सक्षम बना रही है। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक निजी स्कूलों के शिक्षकों से कहीं अधिक योग्य और दक्ष हैं।
57 जिलों में बन रहे हैं सीएम मॉडल स्कूल
बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि योगी सरकार 57 जिलों में ह्यसीएम मॉडल स्कूलह्ण बना रही है। प्रत्येक स्कूल को 30 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। ये विद्यालय पूरी तरह डिजिटल और स्मार्ट क्लासरूम से लैस होंगे, जहां विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी। संदीप सिंह ने कहा कि डिजिटल युग में बच्चों तक स्मार्टफोन, टैबलेट और अन्य गैजेट्स की पहुंच पहले से कहीं अधिक हो गई है। यूपी सरकार भी बच्चों को टैबलेट और स्मार्ट डिवाइस उपलब्ध करा रही है, ताकि वे आधुनिक शिक्षा पद्धति से जुड़ सकें। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि गैजेट्स का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार ने विद्यालयों में खेलकूद, नैतिक शिक्षा और अन्य गतिविधियों को भी प्रोत्साहित किया है।
महान विभूतियों के नाम पर भवन कक्ष, वॉटर हार्वेस्टिंग
इस हाईटेक विद्यालय की एक और खासियत यह है कि इसके प्रत्येक कक्षा का नाम किसी महान विभूति के नाम पर रखा गया है। विद्यालय में क्लासरूम के नाम वशिष्ठ कक्ष, विश्वामित्र कक्ष, द्रोणाचार्य कक्ष, वाल्मीकि कक्ष रखे गए हैं। भवन निर्माण करते समय परिसर में मौजूद एक भी पेड़ नहीं काटा गया। विद्यालय परिसर में 100 से अधिक पेड़ हैं। क्लासरूम में स्मॉर्ट बोर्ड, बेंच, आलमारी है। प्रकाश और वेंटिलेशन का विशेष ध्यान रखा गया है। यह यूपी का सबसे अधिक 40 केएलडी वॉटर हारवेस्टिंग क्षमता वाला प्राथमिक विद्यालय है। यह न केवल विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति और इतिहास से जोड़ने का कार्य करेगा, बल्कि उन्हें प्रेरित भी करेगा। यूपी का यह पहला प्राथमिक विद्यालय है, जिसकी जल संरक्षण प्रणाली 40 केएलडी वॉटर हार्वेस्टिंग क्षमता वाली है।
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