Noida Authority And RWA: नोएडा में करीब 200 सेक्टर है। जिनमें से करीब आधे सेक्टर में बड़ी बड़ी औद्योगिक इकाईया स्थापित है, जबकि आधे सेक्टर में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी और मकान बने हुए हैं। आवासीय सेक्टरों में समस्याओं का निस्तारण करने के लिये आरडब्ल्यूए बनी हैं। जिसका एक अध्यक्ष होता है और कई अन्य लोग अलग अलग पदों पर आसीन होते हैं। जिस तरह से सांसद-विधायक जनसमस्याओं सांसद और विधानसभाओं में उठाते हैं, उसी तरह आरडब्ल्यूए पदाधिकारी आमजन की समस्याओं को या यूं कहें कि सेक्टरवासियों की समस्याओं को प्राधिकरण के समक्ष उठाते हैं। जिसके बाद प्राधिकरण उनका निस्तारण करता है। वैसे तो अब तक आरडब्ल्यूए को किसी भी तरह की सरकारी मान्यता नहीं है, लेकिन नोएडा प्राधिकरण आरडब्ल्यूए को मान्यता देने के साथ साथ उनके पदाधिकारियों को वेतन देने के लिए सोच विचार कर रहा है। बोर्ड मीटिंग के एजेंडे में एक एजेंडा ये भी शामिल होगा। जो ऑथेंटिक आरडब्ल्यूए है उनके पदाधिकारियों को प्राधिकरण की ओर से वेतन दिया जाए, ताकि वे अपना काम पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ साथ पूरी निष्ठा से कर सके।
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प्राधिकरण सूत्र बताते हैं कि इसके लिए प्रपोजल तैयार किया गया है। ताकि बोर्ड बैठक में चेयरमैन, सीईओ के साथ साथ अन्य वरीष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखा जा सके। यदि आरडब्ल्यूए को किसी भी तरह की मान्यता मिलेगी तो नोएडा के सेक्टरों में हो सकता है कि विकास कार्य और तेजी से हो। वैसे तो प्राधिकरण ने अनऑफिशियली नियम बनाया है किसी भी तरह के विकास कार्य होने पर ठेकेदार को उसकी पेमेंट तब की जाएंगी जब आरडब्ल्यूए से सहमति और गुणवत्ता का सर्टिफिकेट लिया हो। कहीं कहीं इसे मांग लिया जाता है और कहीं ठेकेदार ऐसे ही बिल पास करा लेते हैं। ये नियम अनिवार्य नहीं। न तो प्राधिकरण पर बाध्यता है और न ही ठेकेदार पर।
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