Noida: कैलाश अस्पताल में नई तकनीक पर कार्यशाला, मरीजों का ऐसे होगा इलाज
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Noida: कैलाश अस्पताल में नई तकनीक पर कार्यशाला, मरीजों का ऐसे होगा इलाज

Noida: आज कल नयी नयी बीमारियाँ सामने आ रही है। इनका इलाज कैसे हो और किस तकनीक से हो इसको लेकर भी मंथन हो रहा। अब कैलाश हॉस्पिटल एण्ड हार्ट इंस्टीट्यूट सेक्टर.27 नोएडा ने टॉक्सीलॉजी, कार्यशाला, बदलती आवश्यकताएँ, आवश्यक बदलाव, का आयोजन किया। ताकि मरीजों को आधुनिक सुविधाए दी जा सके। इस कार्यशाला का आयोजन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन एससीएम दिल्ली नोएडा चैप्टर के सहयोग से किया गया और यह 19वें दिल्ली क्रिटिकल केयर सिम्पोजियम का हिस्सा है।

इस कार्यशाला में डा. अनिल गुरनानी, ग्रुप क्रिटिकल केयर कैलाश अस्पताल एवं संगरक्षक, सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर ने कहा कि कार्यषाला का उद्देश्य देशभर के युवा क्रिटिकल केयर चिकित्सकों के कौशल को उन्नत कराने के उद्देश्य से किया गया। इस विशेष कार्यशाला में भारत के विभिन्न हिस्सों से आए प्रमुख क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों एवं 100 से अधिक युवा चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया। इस प्रशिक्षण में नवीनतम सॉफ्टवेयर तकनीक और मैनिकन का उपयोग करके चिकित्सकों को क्रिटिकल केयर के बारे मेें जानकारी दी गयी।

नई तकनीकों से परिचित हुए डाक्टर
इस कार्यशाला में वेंटिलेटर, और अत्याधुनिक जीवन रक्षक मशीनों का प्रदर्शन भी किया गया जिससे चिकित्सकों को बेहतर और सुरक्षित उपचार देने के लिए नई तकनीकों से परिचित कराया गया। इस कार्यशाला में डा.आशुतोष गर्ग, डा. अनूप अग्रवाल, डा. विनीता गोयल, और डा. अमित गोयल ने युवा चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया, कार्यशाला को सफल बनाने में सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन, दिल्ली नोएडा चैप्टर के मेंटर डा. अनिल गुरनानी का विशेष योगदान रहा।

मुख्य अतिथि रहे गौतमबुद्धनगर के सांसद डा. महेश शर्मा
बता दें कि कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि गौतमबुद्धनगर के सांसद डा. महेश शर्मा और कैलाश अस्पताल समूह की ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डा. रीतू वोहरा ने किया। इस अवसर एससीएम दिल्ली नोएडा चैप्टर के अध्यक्ष डा. प्रशांत सक्सेना और सचिव डा. अखिल तनेजा भी उपस्थित रहे। कार्यशाला के समापन पर डा. अमित गोयल ने धन्यवाद कर यह आस्वित किया कि हम निरंतर ऐसे ही कार्यषाला भविष्य में आयोजित कराते रहेंगें एवं चिकित्सा कार्यप्रणाली में नवीनतम और प्रभावी तकनीकों से अवगत कराकर उन्हें मरीजों के इलाज में अधिक सक्षम बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हेागा।

 

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