Noida Police: लंबे समय से फरार चल रहे स्क्रैप माफिया रवि काना को आखिरकार थाईलैंड में गिरफ्तार किया गया और उसके बाद अब नोएडा पुलिस उसे लेकर वापस नोएडा पहुँच चुकी है। रवि काना से पूछ्ताछ के लिए कोर्ट से रिमांड मांगी जाएगी। फिलहाल इस मामले में पुलिस के आला अधिकारी बोलने से बच रहे। बताया जा रहा है कि रवि काना से पुलिस को कई अहम जानकारी हाथ लगी है। जिसमें पीपीपी मॉडल का खुलासा हुआ। पीपीपी मॉडल अब वो मॉडल मत समझिएगा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप। बल्कि पॉलिटिशियन, पुलिस और प्रावइवेट प्रभावी संरक्षण में ही रवि काना एक छोटे से व्यक्ति से माफिया बन गया। चर्चाएं है कि रवि काना शुरुआत में अलग अलग बिल्डरों की साइट से सरिया चोरी कराता था। उसका नाम ऐसे मामलों में सामने भी आया था। उसके बाद रवि काना ने स्क्रैप ठेकेदारी की दुनिया में कदम रख दिया। भले ही कबाड़ी का काम कर रहा था लेकिन चोरी में भी माहिर था।
इसी दौरान जिले में उसे एक बड़े पुलिस अधिकारी का संरक्षण प्राप्त हो गया। देखते ही देखते नेता भी उसके साथ जुड़ गए। ये सब देख कुछ प्रेस वाले भी रवि काना को संरक्षण देने लगे। अब तो रवि काना ने जिले में स्क्रैप ठेकेदारी में एक छत्र राज़ शुरू कर दिया। यदि कोई स्क्रैप ठेकेदार कहीं से स्क्रैप लेना चाहता तो उसके ट्रकों को अपने गुंडों और पुलिस की मदद से तुरंत बंद करा देता थे। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कार्यभार सम्भाला तो उनके सामने ऐसी कई चुनौती थी जिससे पुलिस की बदनामी हो रही थी। लोगों में विश्वास और व्यापारियों में सुरक्षा का माहौल देने की लक्ष्मी सिंह ने ठान ली। इसी दौरान उन्हें पता चल गया कि रवि काना है जो स्क्रैप माफिया है और दूसरे लोगों को काम भी नहीं करने देता, लेकिन कोई सबूत नहीं था। सेक्टर 39 थाने में अचानक रवि के खिलाफ़ एक महिला ने गैंगरेप की शिकायत पुलिस ने तत्काल मामले की जांच कर सही पाते हुए रिपोर्ट दर्ज की है। इसके बाद रवि काना की उल्टी गिनती शुरू हो गई। पुलिस कमिश्नर की ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के आगे सब कुछ धवस्त होता दिख रहा है। बता दें कि रवि की पत्नी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। लेकिन रवि और उसकी गर्लफ्रेंड काजल फरार चल रहे थे। अचानक फिर पता चला थाईलैंड में दोनों गिरफ्तार हुए हैं। भारत और थाईलैंड समझौते के अनुसार नोएडा पुलिस थाईलैंड पहुंची और दोनों को लेकर आ गए। अब यही चर्चा है कि रवि काना से मिली डायरी पर लिखे नाम सार्वजनिक होंगे। इसमें नेता पुलिस अधिकारी और प्रावइवेट प्रभावी संरक्षण देने वालों के नाम शामिल है। सभी के इस वक्त होश उड़े हैं और अपने अपने हिसाब से अपने नाम बचाने के लिए सांठगांठ की जा रही है ।