स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत पहली बार नोएडा 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में दूसरे स्थान पर काबिज हुआ है जबकि पिछली बार इसी श्रेणी में नोएडा को 5वां स्थान मिला था। इंदौर अपने ही स्थान यानी पहले नबंर पर रहा है। वहीं नोएडा ने वाटर प्लस श्रेणी में पहली बार सर्टिफिकेट हासिल करने पर पाई है। इसके अलावा इस बार भी गारबेज फ्री सिटी में फाइव स्टार रैकिंग भी मिली है। अवसान एवं शहरी विकास मंत्रालय की स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की फाइनल रैकिंग जारी हुई, जिसमें ओवर ऑल रैंकिंग में नोएडा की गिरावट दर्ज की गई है।
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ऑल इंडिया में नोएडा 14वां स्थान पर
नोएडा को 11वें से नीचे खिसक कर 14वें स्थान पर इस बार संतोष करना पड़ा है। यह अवार्ड सीईओ डॉ लोकेश एम को आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली में दिया इस मौके पर अपर मुख्य कार्यपालिका अधिकारी संजय कुमार खत्री जन स्वास्थ्य विभाग के उप महाप्रबंधक एसपी सिंह वरिष्ठ प्रबंधक आरके शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
ये मानक हुए पूरे
बता दें कि नोएडा में एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित किया गया। वहां 5 हजार स्वच्छता कर्मियों के चेहरे की पहचान कर उनकी बायोमेट्रिक उपस्थिति लगाई जाती है। शहर में मैकेनिकल स्वीपिंग सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। यहां त्रिपल आर के जरिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है। यहां नालों में बांबू स्क्रीन और एमएस बार स्क्रीन का प्रयोग किया जा रहा है। ताकि फ्लोटिंग मेटेरियल बाहर निकालकर निस्तारण किया जा सके।
उधर, ओडीएफ प्लस प्लस का सर्टिफिकेट नोएडा के पास था। वाटर प्लस इससे एक ऊपर पायदान की श्रेणी होती है। शौचालय और सीवेज लाइन का नेटवर्क जोड़ने की वजह से वाटर प्लस नोएडा को मिला है। गारबेज फ्री सिटी का पुरस्कार लोगों के घरों से कूड़ा लेना, उसको पृथक-पृथक करना और उसका निस्तारण करने की वजह से मिला है।