Noida News: सिलेंडर फटने से झुग्गी में आग, 3 की मौत
Noida News: सेक्टर-8 स्थित जेजे कॉलोनी की एक पक्की झुग्गी में सिलेंडर फटने से आग लग गई। घटना में 15 दिन की दुधमुही बच्ची और उसका 12 वर्षीय भाई जिंदा जल गए, जबकि माता-पिता समेत परिवार के चार अन्य लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। पीड़ितों को हायर सेंटर रेफर किया गया है, जहां आईसीयू में वह जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। घटना के बाद से आसपास के लोग सदमे में है। पड़ोसी पीड़ितों के रिश्तेदारों को संभालने में लगे हुए हैं। हालात यह है कि मृतक बच्चों के शव अभी तक मोर्चरी में है, जिन्हें दफनाने वाला तक नहीं मिल रहा है।
Noida News: मूल रूप से अलीगढ़ के रहने वाले रिजवान करीब 25 वर्षों से जेजे कॉलोनी में रह रहे हैं। वह रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करते है। शनिवार की रात झुग्गी में रिजवान उनकी पत्नी शबाना, बेटा अरमान 12 वर्षीय, दूसरा बेटा आहद आठ वर्षीय, 15 दिन पहले जन्मी बेटी अरीबा व उसकी रिश्तेदार निशा समेत छह लोग थे। रात करीब दो बजे जब सब सोए हुए थे, तभी तेज धमाके के साथ घर पर रखा गैस सिलेंडर फट गया और आग लग गई। थोड़ी ही देर में आग ने पूरी झुग्गी को अपनी चपेट में ले लिया। अंदर मौजूद लोगों को पलक झपकने तक का मौका नहीं मिला। आग में 15 दिन का शिशु और 12 वर्षीय अरमान की मौत हो गई, जबकि रिजवान, शबाना, आहद और निशा गंभीर रूप से झुलस गए। इनका सफदरगंज अस्पताल में इलाज चल रहा है। चारों की हालत गंभीर है।
आग बुझने के बाद आई दमकल की गाड़ियां
पड़ोस में रहने वाले शहजाद अली ने बताया देर रात जब रिजवान के कमरे में आग लगी थी। इस दौरान तेज धुआं उठा रहा था। अंदर फंसे लोग तेज तेज चिल्ला रहे थे। शोर सुनकर सब जाग गए और दरवाजा तोड़ा तो पूरे घर में आग की लपटे फैली हुई थी। आग बुझाने के लिए दमकल विभाग को कॉल कर जानकारी दी। आरोप है कि स्थानीय लोगों ने बाल्टियों से पानी डालकर आग पर काबू पाया और फंसे लोगों को बाहर निकाला। आग बुझने के करीब डेढ़ घंटे के बाद दमकल विभाग की गाड़ियां आई। आरोप यह भी है कि रात के समय एंबुलेंस भी नहीं मिली। मरीजों व मृतकों को पड़ोसी के छोटा हाथी वाहन में डालकर सेक्टर-30 अस्पताल ले जाया गया। शहजाद ने बताया कि रिजवान, शबाना, आहद और निशा गंभीर रूप से झुलसे थे, इनके पूरे शरीर की त्वचा जली हुई थी, जबकि 15 दिन की मासूम और अरमान की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
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26 जनवरी को ही अरीबा का हुआ था जन्म
पड़ोसी रोशन ने हादसे को याद करते हुए भाबुक होकर बताया कि अरीबा का जन्म 26 जनवरी को हुआ था, वह दो दिन पहले जब उससे मिलकर आए थे तो वह उनकी गोद में खूब खिलखिला रही थी। आसपास रहने वाले लोग को एक बार दिन में जरूर खिलाने जाते थे। रिजवान भी बहुत ही मिलनसार है। इस घटना ने उन सभी को पूरी तरह से तोड़ दिया है। उनका पूरा परिवार पल भर में बिखर गया है। उनका अच्छा इलाज कराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
नर्सिंग की पढ़ाई करने आई थी निशा
बताया गया कि निशा कुछ दिन पहले ही अलीगढ़ से नोएडा आई थी। वह नर्सिंग की पढ़ाई करना चाहती थी, इसलिए रिजवान उसे लेकर आया था। वह रिजवान की भतीजी है। उसकी हालत भी बेहद गंभीर है।
क्या कहते हैं सीएफओ
सीएफओ प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में आग का कारण सिलेंडर फटना आया हैं, पुलिस की टीम आग के कारणों का पता लगा रहा हैं। वहीं, दमकल विभाग को जैसे ही मामले की जानकारी मिली, टीम मौके पर पहुंच गई, गली संकरी होने के कारण थोड़ा समय जरूर लगा था।
क्या कहते हैं एडीसीपी
एडीसीपी आशुतोष द्विवेदी का कहना है कि चिकित्सकों के अनुसार आहद का शरीर 20 प्रतिशत तक जला हैं, जबकि शबाना, रिजवान और निशा 70 प्रतिशत तक झुलस गए हैं, इनकी हालत नाजुक हैं। बच्चों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा हैं, उन्हें दफनाने की प्रक्रिया पीड़ित रिजवान के भाई कराएंगे।