Noida News: भूगर्भ जल विभाग ने भू-जल बर्बाद होन से रोकने के लिए समय समय पर अभियान चलाता है। इस बार दो बिल्डरों और कंस्ट्रक्शन कंपनी पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। इनमें यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 22-डी स्थित ऐस ग्रुप का वाईएक्सपी प्रोजेक्ट भी शामिल है। यहां बिल्डर ने अब तक बोरवेल को बंद करने की रिपोर्ट नहीं दी है। विभाग ने इस बिल्डर को भेजकर नोटिस में तत्काल रिपोर्ट मांगी है।
यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 22 में ऐस ग्रुप का वाईएक्सपी प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। प्रोजेक्ट पर बड़े स्तर पर भूजल दोहन हो रहा था। बोरवेल की मदद से भू-जल को नाले में बहाया जा रहा था। बता दें कि जांच में प्रोजेक्ट में 60 बोरवेल मिले। इनमें से 10 बोरवेल सक्रिय थे। इसके बाद ऐस ग्रुप को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। साथ ही बिल्डर को बोरवेल बंद कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया। बिल्डर ने ऐसा नहीं किया। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ऐस बिल्डर के पास किसी भी विभाग से एनओसी नहीं है। वहीं नोएडा के सेक्टर-157 स्थित मदरसन कंपनी के प्रोजेक्ट पर भी 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं भी बिना अनुमति के भूजल निकाला जा रहा था।
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भूगर्भ जल विभाग के अफसर बोले
भूगर्भ जल विभाग अफसर अंकिता राय ने कहा कि जुर्माना जमा नही करने पर वसूली प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। ऐस ग्रुप के यहां फिर से भूजल दोहन की शिकायत मिली है। अगर फिर ऐसा हुआ तो जुर्माना धनराशि को दोगुना कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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आम्रपाली ड्रीम वैली प्रोजेक्ट पर लगा जुर्माना
ग्रेनो वेस्ट में आम्रपाली ड्रीम वैली प्रोजेक्ट पर भू-जल दोहन मिला है। विभाग ने वहां निर्माण करने वाली ईश्वर कंस्ट्रक्शन कंपनी पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है। कंपनी आरएमसी प्लांट में भूजल का प्रयोग कर रही थी। प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य एनबीसीसी की देखरेख में चल रहा है। उसके बाद भी यहां पर नियमों का पालन नहीं हो रहा है।