Noida News: सेक्टर-22 स्थित गांधी स्मारक इंटर कॉलेज में लिपिक और चपरासी ने फाइल लेने के विवाद में ठोस धातु से हमला कर प्रधानाचार्य का सिर फोड़ दिया। इसके बाद आरोपी जरूरी दस्तावेज लेकर भाग गए। पीड़ित ने दोनों आरोपियों के खिलाफ सेक्टर-24 कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। वहीं, पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पीड़ित को उपचार के बाद घर भेज दिया गया है।
जानकारी के अनुसार प्रधानाचार्य हेमेंद्र सिंह मंगलवार सुबह विद्यालय में कुछ जरूरी फाइलों का परीक्षण कर रहे थे। उन्होंने लिपिक सुशील कुमार से अन्य फाइलें मांगी। इस पर लिपिक फाइल देने में आनाकानी करने लगा, जिसके बाद प्रधानाचार्य ने अलमारी से अन्य फाइलों का उठा लिया। इस पर लिपिक सुशील कुमार आग बबूला हो गया और चपरासी रविंद्र के साथ मिलकर उनपर हमला कर दिया। आरोपियों ने प्रधानाचार्य पर ठोस धातु से हमला कर उनका सिर तोड़ दिया और उनके हाथ से फाइलें छीन ली। हमले के दौरान शिक्षक और छात्र भी एकत्र हो गए। आनन-फानन में पीड़ित प्रधानाचार्य को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मरहम पट्टी हुई। बाद में पीड़ित ने सेक्टर-24 कोवताली पहुंचकर दोनों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रधानाचार्य की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी सुशील और रविंद्र को गिरफ्तार कर लिया है।
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पहले भी कर चुके थे बदसलूकी
Noida News: प्रधानाचार्य ने बताया कि आरोपी लिपिक पूर्व में भी उनके साथ बदसलूकी कर चुका है। वह फाइलों में गड़बड़ी करता है, जिसका पूरा जिम्मा प्रधानाचार्य पर आ रहा था। सूत्रों ने बताया कि प्रधानाचार्य जिस फाइल को मांग रहे थे, वह बजट से संबंधित बताई गई है, जिसका लिपिक के पास हिसाब नहीं था। कुछ शिक्षकों ने फाइल में फीस की धनराशि समेत अन्य गोलमाल होने की बात भी कही है। बताया गया कि लिपिक फाइलों को दबाकर रखता था, प्रधानाचार्य उससे काफी समय से फाइल मांग रहे थे, लेकिन उनसे दिखाने से मना कर दिया।
कई मामलों से पर्दा उठेगा
अक्सर सरकारी और अर्द्धसरकारी स्कूलों में फीस की धनराशि का गबन करने समेत अन्य गंभीर मामले सामने आ चुके हैं। पूर्व में सेक्टर-12 राजकीय इंटर कॉलेज के तत्कालीन प्रधानाचार्य एसएस वरुण पर बच्चों से अतिरिक्त फीस वसूलने का आरोप लगा था। मामले की उच्च स्तर से जांच हुई थी। प्रधानाचार्य को मामले में कई बार जवाब देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह किसी तरह जांच कमेटी को भ्रमित करते रहे। इतना ही नहीं लिपिक का खेल स्कूलों से लेकर सरकारी कार्यालय तक जारी है। आरटीई के नाम पर लिपिकों के निजी स्कूलों में फोन कर दबाव बनाने के मामले भी सामने आ चुके हैं।
क्या कहते हैं जिला विद्यालयक निरीक्षक
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह ने कहा कि यह मामला संज्ञान में नहीं है। प्रधानाचार्य से इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली। मामले की जांच कराकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।