Noida International Airport: दूसरे चरण से प्रभावित किसानों की जल्द बदलेगी किस्मत!
Noida International Airport: नोएडा इंटरनेश्नल एयरपोर्ट के दूसरे चरण की 1365 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण से प्रभावित करीब 10 हजार किसानों को जल्द बसाने के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस अधिग्रहण से पहले शासन ने 215 हेक्टेयर भूमि के सोशल इंपेक्ट असेस्मेंट (एसआईए) सर्वे के लिए गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी (जीबीयू) को एजेंसी के रूप में नामित कर अधिसूचना जारी की है। जीबीयू को इस जमीन से प्रभावित किसानों के जीवन पर पड़ने वाले सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक असर की जानकारी जुटाते हुए रिपोर्ट तैयार कर 10 दिसंबर तक जिला प्रशासन को देगी।
नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण में तीसरा रनवे और एमआरओ सेंटर बनाने के लिए रन्हेरा की 458 हेक्टेयर, दयानतपुर की 145 हेक्टेयर, करौली बांगर की 160 हेक्टेयर, कुरैब की 326 हेक्टेयर, बीरमपुर की 49 हेक्टेयर, मुढरह की 47 हेक्टेयर और 179 हेक्टेयर सरकारी जमीन ली जानी है। इनके अधिग्रहण की प्रकिया पूरी करते हुए जिला प्रशासन ने लगभग 75 फीसदी किसानों के बैंक खातों में सीधे मुआवजा राशि भेजते हुए अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया है। यहां बसे गांव रन्हेरा, कुरैब, नगला भामला, नगला जहानु, नगला हुकम सिंह पांच गांवों के लगभग 10 हजार किसानों को विस्थापित किया जाना है, जिसके लिए जेवर के 7 गांवों की 215 हेक्टेयर जमीन को चिन्हित किया गया था। शासन की तरफ से नागरिक उड्डयन विभाग ने इन गांव के किसानों से अधिग्रहण की जाने वाली 190 हेक्टेयर भूमि की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सोशल इंपेक्ट असेस्मेंट (एसआईए) रिपोर्ट तैयार करने जीबीयू को नामित करते हुए 10 दिसंबर तक कार्य पूरा करने को कहां है।यदि काम जल्द होता है तो किसानों को भी बड़ी राहत मिलेगी। एयरपोर्ट के काम में तेजी आएगी।
5 गांव होंगे विस्थापित
एयरपोर्ट के दूसरे चरण से प्रभावित किसानों ने फलैदा कट व मॉडलपुर गांव के समीप विस्थापन की मांग रखी थी जिसके बाद प्रशासन ने दोनों ही जगह माडर्न टाउनशिप विकसित कर यहा के किसानों को विस्थापित करने का निर्णय लिया, जिसके लिए 7 गांवों जेवर बांगर की 13.11 हेक्टेयर, सादुल्लापुर उर्फ मॉडलपुर की 63.48, फलैदा बांगर की 16.64, करौली बांगर की 35.54, धनपुरा की 42.60 व मेहंदीपुर बांगर की 17.93 हेक्टेयर व तिरथली के अलावा 25 हेक्टेयर जमीन यमुना प्राधिकरण व सरकारी जमीन पर विस्थापन किया जाएगा।