Noida Health News: टीबी मुक्त पंचायत के लिए शासन ने मांगा माइक्रोप्लान

Noida Health News। टीबी मुक्त पंचायत के लिए कवायद तेज हो गई है। इस अभियान में ग्राम प्रधानों/पंचायत सदस्यों के साथ ही पंचायत स्तर पर कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत मित्र, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इन सभी को टीबी के प्रति संवेदीकृत व प्रशिक्षित किया जाना है। इसके लिए शासन ने सभी जिलों से माइक्रो प्लान मांगा है। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आर.पी. सिंह ने दी।

यह भी पढ़े : Greater Noida Authority: बिल्डर-बायर्स विवाद का होगा समाधान, प्राधिकरण ने निकाला ये तरीका

उन्होंने बताया कि जनपद स्तर पर माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा,जिसे निर्धारित समय सीमा में शासन को भेज दिया जाएगा। टीबी मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए ग्राम प्रधानों/ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए टीबी प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया है। उन्होंने बताया टीबी मुक्त पंचायत का मुख्य उद्देश्य समुदाय को टीबी से जुड़ी समस्याओं की गंभीरता और दुष्परिणामों को समझने में सक्षम बनाना है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि टीबी के सभी मरीजों का इस तरह इलाज हो कि बीमारी दोबारा न हो पाए।
डा. सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्राम पंचायत सदस्यों को टीबी मुक्त पंचायत के लिए तैयार करना है। उन्हें बताया जाएगा कि वह सामुदायिक मंचों और संपर्क के अन्य अवसरों पर टीबी मुक्त पंचायत के बारे में लोगों से बात करें। वह टीबी और दवा प्रतिरोधी टीबी (एमडीआर टीबी), उनके लक्षण, किन कारणों से खतरा है, टीबी के इलाज की अहमियत उपलब्ध योजनाओं और सेवाओं के बारे में बताएंगे। साथ ही लोगों की भ्रामक जानकारी और गलतफहमी दूर करेंगे।

यह भी पढ़े : Noida Murder Case:छोटे भाई ने नशे में ली थी सफाइकर्मी की जान,आरोपी गिरफ्तार

सभी की तय की गई जिम्मेदारी
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत बनाने में पंचायत विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अहम भूमिका होगी। डीटीओ के साथ ही सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी व पीएचसी) के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस), टीबी होम विजिटर (टीबीएचवी), सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर (एसटीएलएस), एएनएम और आशा कार्यकतार्ओं की इस मुहिम में अलग-अलग जिम्मेदारी होगी।

यह भी पढ़े : Greater Noida: सिंचाई विभाग की जमीन पर हो रहा कब्जा: वेद नागर

टीबी मुक्त पंचायत के मानक
टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के लिए जरूरी है कि एक हजार की आबादी पर एक से कम क्षय रोगी हो।
एक हजार की आबादी पर 30 जांच और सभी मरीजों की ड्रग सेंसिटिव की जांच और निक्षय पोषण योजना का शत प्रतिशत लाभ प्रदान करना जरूरी है। इसके अलावा पिछले तीन सालों में जिन क्षेत्रों में अधिक या कम टीबी मरीज मिले हैं उनकी सूची ग्राम और वार्ड वार तैयार की जाएगी।  इनमें से हर माह 10-10 ग्राम पंचायतों को चिन्हित किया जाएगा। वहाँ विशेष ध्यान देकर स्क्रीनिंग, जांच, उपचार, परामर्श, पोषण व भावनात्मक सहयोग प्रदान किया जाएगा।

यहां से शेयर करें