Noida Entrepreneurs Association:उधमियों ने सीईओ को गिनाई समस्याएं, रखी ये मांगे
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Noida Entrepreneurs Association:उधमियों ने सीईओ को गिनाई समस्याएं, रखी ये मांगे

आज नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम की अध्यक्षता में सेक्टर-ं6 स्थित प्राधिकरण के बोर्ड रूम में नोएडा एन्ट्रेप्रिनियोर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया । बैठक में एनईए अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने आपनी मुख्य समस्याओं से सीईओ को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पूर्व में नौएडा विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटित औद्यौगिक भूखड स्वामियों को कार्यशीलता प्रमाण पत्र के लिए जिला उद्योग केन्द्र द्वारा जारी एस.एस.आई पंजीकरण प्रमाण-ंउचयपत्र/ उ.प्र. व्यापार कर रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र/जी.एस.टी./विद्युत बिल आदि प्रपत्र देने पर कार्यशीलता प्रमाण-पत्र जारी कर दिया जाता था। अब प्राधिकरण ने कार्यशीलता प्रमाण देने से पूर्व कम्पलीशन सर्टिफिकेट की मांग की जा रही है।

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अतः यदि किसी उद्यमी ने आवंटित आद्यौगिक भूखण्ड के कुछ भाग में भवन निमार्ण कर अपने उद्योग में उत्पादन शुरू कर लिया हो तो उसे कार्यशीलता प्रमाण-ंउचयपत्र जारी कर देना चाहिए तथा कार्यशीलता की शर्तो को पूर्व की भाॅति ही रहने दिया जाए। प्रा.लि. कम्पनी में अगर 1 प्रतिशत की भी शेयर होल्डिंग बदलनी हो तो नोएडा प्राधिकरण उसके ट्रांसफर चार्ज लेता है और स्टांप विभाग भी चार्ज लेता है प्रा.लि. कम्पनी अपने आप में एक पहचान होती है। कम्पनी के शेयर होल्डर बदलते है तब भी उस कम्पनी की संरचना पर कोई असर नही होता है कम्पनी एक ही बार बनाई जाती है जिसमें आवश्यकतानुसार शेयर होल्डर्स बदलते रहते हैं। नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा भूखंड संख्या 60, सैक्टर-164, नोएडा में ई-बिलडिंग के माध्यम से भूखंड आवंटित किया गया था। साथ ही प्राधिकरण द्वारा साईड प्लान भी दिये थे लेकिन मौके पर अभी भी मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, पानी, बिजली आदि उपलब्ध नही है। उद्यमियों को प्राधिकरण द्वारा अभी तक पोजेशन भी नही दिया गया है साथ ही उद्यमियों से बैंक गारंटी मांगी जा रही है । आपको विदित है कि बैंक द्वारा भूखंड का पोजेशन तथा रजिस्ट्री के पश्चात ही बैंक गारंटी दी जाती है। अतः अनुरोध है कि उद्यमियों आवंटित भूखंड का पोजेशन शीघ्र दिया जाए ताकि उद्यमी प्राधिकरण को बैंक गांरटी सौप सके। प्राधिकरण द्वारा इकाईयों में जरा सी भी कामर्शियल गतिविधि करने पर धारा-10 के अन्र्तगत नोटिस जारी कर उनके भूखंडों को निरस्तीकरण के नोटिस जारी कर दिये जाते हैं। अतः ईकाईयों को नोटिस जारी करने से पूर्व उन्हें चेतावनी दी जाए कि इकाई में कार्मशियल गतिविधि को बंद किया जाए तथा धारा 10 के अर्तगत नोटिस जारी किए गये हैं। उन्हें रद्द किया जाए । वायु गुणवत्ता आयोग द्वारा डी0जी0 सैट चलाने पर 1 अक्टूबर से पाबंदी लगा दी गई है । आई.जी.एल को भी गैस कनेक्शन देने में 8-10 माह का समय लग रहा है ।

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लाईन को डू-सजयने हेतु कई दिनों तक सडक पर गडडा खोद कर छोड दिया जाता है जिस पर प्राधिकरण द्वारा आपत्ति की जाती है। कई उद्योगों में 1 वर्ष बीत जाने के बावजूद आई.जी.एल. द्वारा गैस कनेक्शन चालू नही की गई है। अतः आई.जी.एल. को पी.एन.जी. लाईन उद्योगों तक बिछाने के लिए गड्डा खोदने की अनुमति दी जाए तथा आई.जी.एल. को शीघ्रतिशीघ्र उद्योगों में गैस कनेक्शन देने के निर्देश दिए जाए। विपिन मल्हन ने सीईओ के समक्ष कहा कि नोएडा 10 डिविजन है जिनके पास मात्र 2 जे.सी.बी एंव 2 डंफर है जिनकी संख्या वर्तमान क्षेत्रफल को देखते हुए बहुत कम है। अतः प्राधिकरण में जेसीबी तथा डंफरों की संख्या कम से कम 20-20 की जाए ताकि संबधित डिविजन के अधिकारियेां को अनाधिकृत अतिक्रमण को हटाने में आसानी रहे। पूर्व में प्राधिकरण द्वारा उद्यमियों को अपनी इकाई के विस्तार के लिए प्राधिकरण की पाॅलिसी के अनुसार आरक्षित श्रेणी के अंर्तगत औद्यौगिक भूखंड (50 प्रतिशत) योजना निकाली जाती थी तथा उद्यमियों हेतु आरक्षित श्रेणी के अन्र्तगत (17.5 प्रतिशत) आवासीय भूखंड योजना भी लाई जाती थी।

अतः पूर्व की भाॅति उद्योगों के विस्तार के लिए आरक्षित श्रेणी के अन्र्तगत नोएड में औद्यौगिक एंव आवासीय भूखंड योजना को पूर्व की भांति बहाल किया जाए । प्राधिकरण उन भूखंडों पर विशेष शर्तो के साथ कर्मिशियल की अनुमति देता है जो 24 मीटर अथवा उससे अधिक चैडे मार्ग पर स्थित है। जिसमें वे लोग वंचित रह जाते हैं जिनके भूूखंड कोने के है । दरअसल, प्राधिकरण ऐसे भूखंडों के केवल फ्रंट को ही देखता है जबकि उसके दूसरी साइड भी देखी जानी चाहिए क्येांकि औरों के मुकाबले उसने कार्नर का भी चार्ज प्राधिकरण को भी दे रखा है । ऐसी स्थिति में दोनों मार्गो के लाभ भूखंड स्वामी को मिलना चाहिए लेकिन एक साइड (फ्रंट) कम रोड होने के कारण उन्हें इस लाभ से वंचित कर दिया जाता है। अतः ऐसे कार्नर के भूखंडो को भी जिनका फ्रंट रोड भले ही कम हो और साइड रोड 24 मीटर अथवा उससे अधिक है तो उसे भी कर्मिशियल की सुविधा का लाभ मिलना चाहिए। पूर्व के वर्षो में कुछ उद्योगों को प्राधिकरण द्वारा कैंसिल कर दिया गया था उनके द्वारा अपनी इकाई को रि-स्टोर करवाने की सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली है । प्राधिकरण की पालिसी अनुसार मुख्य कार्यपालक अधिकारी को अधिकार है कि वे कैसिंल किए गये भूखंड स्वामियों से रेस्टोरेशन चार्ज लेकर उन्हें पुनः बहाल कर सकते हैं। अतः जिन इकाईयों को कैसिल कर दिया था, उनके द्वारा यदि इकाई को रि-स्टोर करने की सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हों, उन्हें रि-ंस्टोर कर दिया जाए ताकि वे अपनी इकाई का पुनः संचालन कर सके। प्राधिकरण द्वारा अलग से ट्रांसपोर्ट नगर बसाया गया है लेकिन औद्यौगिक सेक्टरों में जगह-जगह सड़क के किनारे टैंपो, ट्रक आदि माल वाहक वाहन खडे रहते हैं, जिसके कारण यातायात में व्यवधान उत्पन्न होता है।

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अतः इन माल वाहक वाहनों को सड़क के किनारे खड़ा करने से रोका जाए तथा निर्धारित स्थान (ट्रांसपोर्ट नगर ) पर वाहन खड़ा करने के आदेश दिये जाए, औद्यौगिक सैक्टरों में मुख्य चैराहों पर अधिकांशतः रेड लाईटों का समय सही निर्धारित न होने के कारण जाम की स्थिति पैदा हो जाती है । अतः मुख्य चैराहों पर रेड लाईट का समय सही तरह से निर्धारित किया जाए तथा स्मार्ट रेड लाईटें जो कि रेड लाईट के पोलों पर लगे कैमरों से यातायात को देखते हुए स्वयं स्वचालित होती है ऐसी स्मार्ट लाईटे औद्यौगिक सैक्टरों के मुख्य चैराहों पर लगाई जाए ताकि चैराहों पर लगने वाले जाम से बचा जा सके और यातायात सुगम हो सके। नोएडा में 250 वर्ग मीटर तक की इकाईयों में ग्राऊड कवरेज बहुत कम मिलती है, जिसके कारण छोटे उद्यमियों को अपना उद्योग चलाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। कृप्या इकाईयों में ग्राऊड
कवरेज बढाने की अनुमति प्रदान करने की कृपा करें ताकि उद्यमी अपनी इकाई को सुचारू रूप से चला सके। सेक्टर-ंउचय4 स्थित नाले के साथ मीट/ मुर्गा, सब्जी मार्केट नाले के साथ इकाई के गेट पर लगाई जा रही है जिससे सड़क पर गंदगी व्याप्त रहती है तथा यातायात भी प्रभावित होता है। अतः सेक्टर-4 में लगाने वाले मीट/मुर्गा तथा सब्जी मार्केट को यहाॅ से अन्यत्र शिफ्ट किया जाए ताकि यातायात के साथ-साथ वातावरण भी सुगम बना रहे। नोएडा प्राधिकरण द्वारा उद्यमियों को आवंटित भूखंडों पर भवन निमार्ण कर कार्यशील करने हेतु 3 वर्ष का समय दिया जाता है । लेकिन वर्ष 2019 से गे्रप लागू होने के कारण भवन निमार्ण पर अक्टूबर माह से फरवरी के मध्य पाबंदी लगा दी जाती है। जिसके कारण मजदूर भी अपने घर चले जाते है तथा पुनः भवन निमार्ण शुरू करने में 2-3 माह का समय लग जाता है जिससे समय से भवन निमार्ण नही हो पाता । औद्यौगिक भूखंड स्वामियों को भवन निमार्ण कर इकाई कार्यशील करने हेतु 3 वर्ष का अतिरिक्त समय (कुल 6 वर्ष) दिया जाए ।

उन्होंने कहा कि हमारे सदस्य उद्यमी राकेश कोहली द्वारा ग्रुप हाउसिंग योजना-2023 जीएच-(01) के अन्तर्गत आवेदन किया था । इसके लिए उद्यमी ने रू 24,88,731/- जमा कराये थे । लेकिन प्राधिकरण द्वारा इस योजना को रोक दिया गया, लेकिन अभी तक धनराशि वापिस नही की गई। अतः उद्यमी को ब्याज सहित धनराशि वापिस करने की कृपा करें ।

ये लोग रहे मौजूद
बैठक में एनईए के महासचिव वी.के. सेठ, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश कोहली़, कोषाध्यक्ष एससी जैन, सह कोषाध्यक्ष सुश्री नीरू शर्मा, उपाध्यक्ष आरएम जिंदल, मोहम्मद इरशाद, सुधीर श्रीवास्तव, राहुल नैययर, के साथ-साथ असीम जगिया, रोहित मित्तल आदि मौजूद रहे।

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