Noida Builder Fraud: WTC प्रोजेक्ट के बायर्स ने नोएडा मीडिया क्लब में एक प्रेसवार्ता कर जानकारी दी गई की सिग्नेचर टच जोन, प्लाजा ग्राउंड, रिवरसाइड रेजिडेंसी ,यमुना एक्सप्रेस एवं डब्लूटीसी,सीबीडी सेक्टर -132 में है, उसके डब्लू सी टीनोएडा के डायरेक्ट आशीष भल्ला ने लगभग 5000 करोड़ रुपए और 20,000 खरीदार एवं इन्वेस्टर को धोखा किया हैं। यह आरोप विपुल गुप्ता, जय गुप्ता मुकुलचंद गुप्ता आदि ने लगाया।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूटीसी नोएडा के मालिक आशीष भल्ला आदतन अपराधी हैं ,और उन्होंने 2010 से पहली कंपनी एएन बिल्डवेल के साथ धोखाधड़ी शुरू कर दी थी।
आशीष भल्ला का काम करने का तरीका यह है कि वह डब्ल्यूटीसी एसोसिएशन यूएसए से फ्रेंचाइजी लेता है, मुख्य रूप से भारत में इनवेस्टर और विदेशों में स्क्वायर यार्ड और उनके विभिन्न बिक्री एजेंटों बेचता से है क्योंकि प्रॉपर्टी एजेंट डब्ल्यूटीसी नोएडा परियोजनाओं को डब्ल्यूटीसीए यूएसए परियोजनाओं के रूप में बेचता है, और खरीदारों से भारी प्रीमियम लेता है ,और डब्ल्यूटीसी नोएडा आशीष भल्ला प्रॉपर्टी एजेंटों को भारी कमीशन देता है। यदि हम डब्ल्यूटीसीए यूएसए को लिखते हैं, तो वे हमें बताता है डब्ल्यूटीसी नोएडा उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है, जबकि कॉपोर्रेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार डब्ल्यूटीसीए यूएसए और डब्ल्यूटीसी नोएडा (वेरिडन रेड) के बीच कोई संबंध नहीं है। लेकिन आशीष भल्ला कभी भी कोई प्रोजेक्ट पूरा नहीं करता हैं और खरीदारों का सारा पैसा उनकी शेल कंपनियों में जमा कर दिया हैं।
डब्ल्यूटीसी नोएडा आशीष भल्ला के खिलाफ विभिन्न भारतीय अदालतों में कई कानूनी मामले हैं ,जैसे कि रेरा लगभग 350, उपभोक्ता अदालतें, उच्च न्यायालय और एनसीएलटी अदालत में कॉपोर्रेट मामलों के मंत्रालय द्वारा गंभीर धोखाधड़ी जांच विभाग में सबसे बड़ा, लेकिन 27 तारीख के बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रोजेक्ट में अब भूतनी ग्रुप ने शेयर खरीद कर एक और बड़े Fraud को अंजाम देने की भूमिका तैयार की जा रहीं हैं, भूटानी डब्ल्यूटीसी नोएडा परियोजना को भूटानी अल्फातम परियोजना में बदलने की पेशकश कर रहे हैं, जहां ओसी प्राप्त नहीं हुआ है और 10,000 पीएसएफ की दर मांग रहे हैं, जबकि बाजार दर 6000-7000 पीएसएफ है।
पहले से ही लूटे गए खरीदार
कहा कि हमने WTC नोएडा से संपर्क किया लेकिन हमें केवल वादे मिले, कुछ भी ठोस नहीं फिर हमने डब्ल्यूटीसी नोएडा आशीष भल्ला-भूटानी घोटाले के खिलाफ डब्ल्यूटीसी नोएडा (सभी परियोजनाएं) घोटाला पीड़ित फोरम द्वारा उनके जसोला कार्यालय, दिल्ली और भूटानी अल्फाथम कार्यालय नोएडा में कई विरोध प्रदर्शन किए। हमने सभी सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को समूहों में और व्यक्तिगत रूप से कई बार लिखा, लेकिन किसी से कोई पावती नहीं मिली, कार्रवाई के बारे में क्या बात करें।
उन्होंने कहा कि डीएम कार्यालय में एडीएम अतुल कुमार से मिले, लेकिन उनका कहना है कि हमें कुछ नहीं कहना है कि रेरा से वसूली के सभी आदेश वसूली के लिए डीएम कार्यालय में कहां से आते हैं। यह पूरी तरह से ध्यान भटकाने वाली रणनीति है और कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है।
एडीएम ने हमें सीपी कार्यालय भेजा, हम आईपीएस मैडम प्रीति यादव से मिले और उन्होंने हमारी समस्या सुनी। 16 फरवरी को हम आशीष भल्ला भूटानी घोटाले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे ,तो सेक्टर 142 के थाना प्रभारीआए और हमसे मिले, उन्होंने कार्रवाई करने का वादा किया, लेकिन डीसीपी और एसीपी से भी मिलने की सलाह दी।
रेरा के साथ मिलकर खाते से पूरा पैसा निकाल लिया
कहा कि बिल्डर ने बिना किसी निर्माण के ही रेरा के साथ मिलकर ईशेक खाते से पूरा पैसा निकाल लिया। रेरा 26 अगस्त 2022 की अपनी रिपोर्ट पर भी कार्रवाई नहीं कर रहा है, जो डब्लू टी सी नोएडा मामले में असामान्यताओं को दर्शाता है। यह मूल रूप से सिस्टम की विफलता और सिस्टम में भ्रष्टाचार है, बिल्डर इस पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाते हैं और न्यायपालिका प्रशासन और राजनेताओं के पारिस्थितिकी तंत्र में हेरफेर करते हैं यह पारिस्थितिकी तंत्र आम जनता की मेहनत की कमाई को लूट रहा है और कोई उनकी बात नहीं सुनता।
घोटाले की हो उच्च स्तरीय जांच
कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नोएडा के डब्ल्यूटीसी आशीष भल्ला-भूटानी के 12 ठिकानों पर संयुक्त छापेमारी की और 3500 करोड़ रुपये के अवैध दस्तावेज बरामद किए तथा सिंगापुर में फंड भेजने का पता लगाया। हम यूपी सरकार और केंद्र सरकार से भी अनुरोध करते हैं कि इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए। ताकि इस तरह के घोटाले दोबारा न हों और गरीब जनता को बिल्डर माफिया द्वारा लूटा न जा सकें।
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