Noida Breaking News: बकायेदार बिल्डरों पर प्राधिकरण का चला डंडा, वसूली के लिए बड़ा एक्शन
Noida Breaking News: अब नोएडा प्राधिकरण की तरफ से बकायेदार बिल्डरों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। प्राधिकरण ने मंगलवार को कई बिल्डरों की साइटों पर संपत्ति कुर्क करने का नोटिस चस्पा किया है। यह कदम बकायेदार बिल्डरों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
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संपत्ति कुर्क करने के नोटिस किए चस्पा
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकरण ने सेक्टर-121, 137, 50, 72, 61, 110, 178, 44 और 120 में स्थित कुल 12 बिल्डरों के प्रोजेक्ट पर संपत्ति कुर्क करने का नोटिस चस्पा किया है। इन बिल्डरों में रीयल्टी प्राइवेट लिमिटेड, एमजी रीयल्टी प्राइवेट लिमिटेड, टीजीबी इंफ्रास्ट्रक्चर, सिविक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, मनीषा प्रोजेक्ट, आइवीआर प्रोजेक्ट, ऐसोटेक बिल्डर्स, ऐसोटेक कंस्ट्रक्शन लिमिटेड और आरसी रेजीडैंसी प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई उन बिल्डरों के खिलाफ की गई है, जिन्होंने अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिश के बाद भी नोएडा प्राधिकरण को 25 फीसदी धनराशि जमा नहीं कराई और न ही सहमति दी। साथ ही ये बिल्डर प्राधिकरण के साथ बैठक में भी शामिल नहीं हुए, जिसके कारण सैकड़ों बायरों की रजिस्ट्री अटकी पड़ी है। अब प्राधिकरण इन बकायेदार बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है और उनकी संपत्ति कुर्क करने जा रहा है। गौरतलब है कि नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने हाल ही में बकायेदार बिल्डरों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू की है।
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अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें मंजूर
नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 31 मार्च 2023 को किया गया था। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। इस कमेटी को दिल्ली-एनसीआर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता बताने का जिम्मा दिया गया था। इस कमेटी ने बिल्डर्स से लेकर बायर्स तक की समस्याओं और हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया। इसके बाद 24 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट सबमिट की। सरकार ने उस रिपोर्ट को गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को भेजा था। अधिकारियों के मुताबिक, सरकार ने समिति की करीब आधी सिफारिशों को कुछ बदलाव के साथ लागू करने का निर्णय लिया है।