Noida:आजकल डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है। ऐसे गांव हैं जिन पर प्राधिकरण ने अपना नाम दर्ज कराया हुआ है। लेकिन इन गाव में धड़ल्ले से बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई जा रही हैं। खास बात यह है कि इमारत बनाने वाले छोटे बिल्डर ना तो नियमों का पालन करते हैं और ना ही निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान रखते हैं। भेलेभाले लोग सस्तें के चक्कर में फंस जाते है। ऐसे में सवाल है कि कहीं इन गांवों में होने वाले निर्माण शाहबेरी जैसे हादसे की पुनः उत्पत्ति ना कर दें।
बीती रात यानी रविवार की रात को थाना फेज-3 क्षेत्र के अंतर्गत सेक्टर 121 एफएनजी विहार जो कि गांव बहलोलपुर में लगता है। यहां निर्माणाधीन मकान की मिट्टी धंसने से एक 5 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। थाना फेज-3 प्रभरी विजय कुमार गौतम ने बताया कि यहां निर्माण कार्य के लिए नीव खुदवाई जा रही थी। पास में काम करने वाले मजदूर का बच्चा खेल रहा था। अचानक से मिट्टी नीचे आ गई। बच्चा तथा उसमें मजदूर दब गए। मजदूरों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन बच्चे को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया बच्चे की पहचान शहजाद पुत्र शाहरुख उम्र 5 वर्ष के रूप में हुई है।
प्राधिकरण की लापरवाही
गांवों में प्राधिकरण की जमीन घेर कर फ्लैट बनाए जा रहे हैं, लेकिन प्राधिकरण उस वक्त यहां पहुंचता है। जब फ्लैट बनकर तैयार हो जाते हैं और लोग उनमें रहने लगते हैं। उससे पहले ऐसा लगता है कि प्राधिकरण उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से बनाने की अनुमति दे देता है। आपको याद होगा कि शाहबेरी में भी ऐसा ही हादसा हुआ था। जहां पांच मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गई। पता चला था कि इस इमारत में घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई थी। यहां करीब 10 लोगों की जान गई थी। इसके बाद प्राधिकरण ने शाहबेरी में सख्त रुख अपनाया तो अब तक यहां निर्माण कार्य करने से छोटे बिल्डर करते हैं। हालांकि जो लोग अपना मकान बनाना चाहते हैं वह बना रहे हैं, लेकिन पुलिस भी यहां सख्त रुख अपनाए हुए हैं। नोएडा के गांव सोरखा बसई, सरर्फाबाद, छिजारसी, बहलोलपुर आदि में ऐसे ही निर्माण कार्य की कमी नहीं है। प्राधिकरण की लापरवाही है जो समय पर इन पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।