UPSC: आईएएस के लिए परीक्षा नही, जुगाड़ चाहिए
केंद्र सरकार ने सीएसई-2022 से सीएसई-2030 तक सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) के माध्यम से हर साल आईएएस अधिकारियों की सीधी भर्ती की सिफारिश के लिए एक समिति गठित की है। कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सीएसई-2022 से सीएसई-2030 तक प्रत्येक वर्ष सीएसई के माध्यम से सीधी भर्ती आईएएस अधिकारियों की संख्या के संबंध में सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
उन्होंने बताया कि सीएसई के माध्यम से भर्ती किए जाने वाले आईपीएस अधिकारियों की संख्या को सीएसई-2020 से बढ़ाकर 200 कर दिया गया है, जबकि आईएफएस अधिकारियों की संख्या 2022 में बढ़ाकर 150 कर दी गयी है।
सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) के माध्यम से सीएसई-2021 तक आईएएस अधिकारियों की वार्षिक भर्ती को बढ़ाकर 180 कर दिया है।
अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की स्वीकृत संख्या और पद पर कार्यरत अधिकारियों का विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2022 की स्थिति के अनुसार आईएएस की स्वीकृत संख्या 6789 है जबकि 5317 अधिकारी तैनात हैं। इसी प्रकार आईपीएस के 4984 स्वीकृत पद हैं जबकि 4120 अधिकारी तैनात हैं। आईएफएस की स्वीकृत संख्या 3191 है जबकि 2134 अधिकारी तैनात हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय स्टाफिंग योजना (सीएसएस) के तहत भारत सरकार के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों में उप सचिवों, निदेशकों, संयुक्त सचिवों, अपर सचिवों और सचिवों के पदों को भरने के लिए सीएसएस में शामिल विभिन्न सहभागी सेवाओं के अधिकारियों को इन पदों पर रखने के लिए पैनलबद्ध व प्रतिधारण पर विचार किया जाता है। इन अधिकारियों में से उन पर इन पदों पर नियुक्ति के लिए विचार किया जाता है, जिन्होंने प्रतिनियुक्ति का विकल्प दिया है।
सिंह ने बताया कि रिक्तियों का होना और भरना एक सतत प्रक्रिया है। केंद्र सरकार का प्रयास है कि रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) हर साल आईएएस, आईपीएस और आईएफएस में सीधी भर्ती के आधार पर रिक्तियों को भरने के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। पदोन्नति कोटा में रिक्तियों को भरने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा राज्य सरकारों के साथ चयन समिति की बैठकें आयोजित की जाती हैं।