न्यूयॉर्क सिविल कोर्ट, अमरीकी राष्ट्रपति के $454 मिलियन के सिविल फ्रॉड जुर्माने को किया रद्द

New York News: न्यूयॉर्क की एक अपील अदालत ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उनके परिवार और उनकी कंपनी के खिलाफ लगाए गए लगभग आधा बिलियन डॉलर (लगभग 454 मिलियन डॉलर) के सिविल फ्रॉड जुर्माने को रद्द कर दिया। यह फैसला न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स द्वारा दायर मुकदमे के संबंध में आया, जिसमें ट्रंप पर अपनी संपत्तियों के मूल्य को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने और बेहतर ऋण शर्तें हासिल करने का आरोप लगाया गया था।

पिछले साल न्यूयॉर्क के जज आर्थर एंगोरोन ने अपने फैसले में कहा था कि ट्रंप और उनके सह-प्रतिवादियों ने एक दशक तक व्यापारिक धोखाधड़ी की, जिसमें ट्रंप टावर के पेंटहाउस का आकार तीन गुना बताने और मार-ए-लागो एस्टेट को निजी आवास के रूप में मूल्यांकन करने जैसे गंभीर दावे शामिल थे। एंगोरोन ने ट्रंप को 355 मिलियन डॉलर का जुर्माना और ब्याज के साथ कुल 515 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान करने का आदेश दिया था। इसके अलावा, ट्रंप और उनके बेटों, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर और एरिक ट्रंप, को न्यूयॉर्क में किसी कंपनी का नेतृत्व करने से अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था।

अपील कोर्ट के पांच जजों के पैनल ने 323 पेज के अपने फैसले में कहा कि यह जुर्माना “अत्यधिक” था और यह अमेरिकी संविधान के आठवें संशोधन का उल्लंघन करता है, जो अत्यधिक जुर्माने पर रोक लगाता है। हालांकि, कोर्ट ने ट्रंप और उनकी कंपनी द्वारा धोखाधड़ी की पुष्टि को बरकरार रखा और गैर-वित्तीय प्रतिबंधों को भी बनाए रखा, जैसे ट्रंप ऑर्गनाइजेशन की निगरानी और न्यूयॉर्क में व्यापारिक गतिविधियों पर सीमाएं।

ट्रंप ने इस फैसले को अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर “पूर्ण जीत” करार दिया और इसे “राजनीतिक उत्पीड़न” बताया। उनके बेटे एरिक ट्रंप ने भी एक्स पर इस फैसले को “न्याय की जीत” कहा। दूसरी ओर, अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स ने कहा कि वह इस फैसले को न्यूयॉर्क की सर्वोच्च अदालत में चुनौती देंगी। जेम्स ने दावा किया कि कोर्ट ने धोखाधड़ी के आरोपों को सही ठहराया है और वह न्यूयॉर्कवासियों के हितों की रक्षा के लिए लड़ती रहेंगी।

ट्रंप के वकीलों ने तर्क दिया था कि यह जुर्माना अत्यधिक था, क्योंकि उनके ऋणदाताओं को कोई नुकसान नहीं हुआ और सभी लेनदेन पारस्परिक रूप से लाभकारी थे। अपील कोर्ट के जज पीटर मॉल्टन ने कहा कि हालांकि ट्रंप ने संपत्तियों का मूल्य बढ़ाकर नुकसान पहुंचाया, लेकिन यह “विनाशकारी नुकसान” नहीं था जो इतने बड़े जुर्माने को उचित ठहराए।

यह फैसला ट्रंप के लिए एक बड़ी कानूनी जीत माना जा रहा है, जो कई अन्य कानूनी चुनौतियों का भी सामना कर रहे हैं। इस बीच, न्यूयॉर्क अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने कहा कि वे इस मामले को आगे ले जाएंगे और ट्रंप की व्यापारिक गतिविधियों पर नजर रखना जारी रखेंगे।

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