New Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिसके चलते प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने और पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, रविवार को यमुना का जलस्तर ओल्ड रेलवे ब्रिज पर 204.60 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर 204.5 मीटर से ऊपर है। खतरे का निशान 205.33 मीटर है, और अगर जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तो निचले इलाकों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हथिनीकुंड बैराज से रविवार को इस सीजन में पहली बार 1.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो अगले 30 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा। इससे यमुना बाजार, कश्मीरी गेट, मजनू का टीला, सोनिया विहार, और यमुना खादर जैसे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
प्रशासन का अलर्ट और तैयारियां
दिल्ली सरकार और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, सभी बैराज के गेट खुले हैं ताकि पानी का बहाव बाधित न हो। दिल्ली के मंत्री प्रवेश वर्मा ने हालात का जायजा लेते हुए कहा कि 2023 जैसी भयावह बाढ़ की स्थिति इस बार नहीं होगी, क्योंकि प्रशासन पूरी तरह तैयार है। नागरिक सुरक्षा वालंटियर्स को तैनात किया गया है, और लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।
हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जाना
हथिनीकुंड बैराज से रविवार को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक पानी की मात्रा क्रमशः 44,787 क्यूसेक से बढ़कर 1,78,996 क्यूसेक तक पहुंची। वजीराबाद और ओखला बैराज से भी क्रमशः 34,620 और 54,017 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला जारी रहने से बैराज से और अधिक पानी छोड़ा जा सकता है, जिससे दिल्ली और हरियाणा के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं।
लोगों से सतर्क रहने की अपील
प्रशासन ने यमुना किनारे रहने वाले लोगों से नदी के पास न जाने और अपने मवेशियों को भी वहां न ले जाने की अपील की है। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने संवेदनशील इलाकों में लगातार घोषणाएं शुरू कर दी हैं। यदि जलस्तर 206 मीटर के पार जाता है, तो ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यातायात रोक दिया जाएगा, और लोगों को टेंटों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
2023 की बाढ़ की याद
पिछले साल 11 जुलाई 2023 को यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जब हथिनीकुंड बैराज से 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। उस समय दिल्ली में भयंकर बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी। इस बार प्रशासन का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटों तक उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। भारी बारिश होने पर हथिनीकुंड बैराज से और अधिक पानी छोड़ा जा सकता है, जिससे दिल्ली में बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है।
दिल्लीवासियों से अनुरोध है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें। बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड, पुलिस, और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर नजर रख रही हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
यह भी पढ़े: ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर फिल्मकार के खिलाफ, कई FIR हुए दर्ज

