New Delhi News: ‘जादू परी’ ने 2025 में ‘बेस्ट मैजिक क्रिएटर’ अवॉर्ड जीता, बनी पहली भारतीय

New Delhi News: भारतीय मेंटलिस्ट और जादूगर सुहानी शाह ने जादू की दुनिया में एक नया इतिहास रच दिया है। इटली में आयोजित प्रतिष्ठित वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ मैजिक (FISM Italy 2025) में सुहानी शाह ने ‘बेस्ट मैजिक क्रिएटर’ का खिताब को अपने नाम पर कर लिया है। इस सम्मान को ‘जादू की दुनिया का ऑस्कर’ कहा जाता है, और सुहानी इसे जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। उनकी इस उपलब्धि ने वैश्विक मंच पर भारत को एक नई पहचान दिलाई है।

FISM (फेडरेशन इंटरनेशनेल डेस सोसाइटीज मैजिक्स) के 2025 संस्करण में पहली बार ऑनलाइन क्रिएटर्स के लिए एक नई श्रेणी शुरू की गई थी, जिसमें उन कलाकारों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जादू की कला को लोकप्रिय बनाया। सुहानी शाह ने इस श्रेणी में जैक रोड्स, जेसन लाडान्ये और मोहम्मद इमानी जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों को पछाड़कर यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड हासिल किया। उनकी रचनात्मकता और डिजिटल मंचों पर जादू को प्रस्तुत करने की अनूठी शैली ने जूरी और दर्शकों का दिल भी जीत लिया।

सुहानी शाह, जिन्हें ‘जादू परी’ के नाम से भी जाना जाता है, ने महज सात साल की उम्र में अपने पहले स्टेज शो के साथ जादू की दुनिया में कदम रखा था। 1997 में अहमदाबाद के ठाकोर भाई देसाई हॉल में उनका पहला प्रदर्शन हुआ था। तब से अब तक वे 5000 से अधिक शो कर चुकी हैं, जिन्होंने उन्हें भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी ख्याति दिलाई। ऑल इंडिया मैजिक एसोसिएशन ने उन्हें ‘जादू परी’ की उपाधि से नवाजा है।

सुहानी पर अपनी इस ऐतिहासिक जीत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा , “FISM में जीतने वाली पहली भारतीय! यह मेरे लिए गर्व का पल है।” उनकी इस उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए कई समाचार पत्रों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इसे भारत के लिए गौरव का क्षण बताया।

सुहानी का जन्म 29 जनवरी 1990 को राजस्थान के उदयपुर में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था। अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने दूसरी कक्षा के बाद औपचारिक शिक्षा छोड़ दी और होम-स्कूलिंग के जरिए अपनी पढ़ाई पूरी की। उनके पिता चंद्रकांत शाह एक फिटनेस कंसल्टेंट हैं, जबकि उनकी मां स्नेहलता शाह एक गृहिणी हैं। सुहानी ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से न केवल जादू की दुनिया में अपनी पहचान बनाई, बल्कि एक लेखक, कॉरपोरेट ट्रेनर और क्लिनिकल हिप्नोथेरेपिस्ट के रूप में भी ख्याति प्राप्त की। वे गोवा में अपने क्लिनिक ‘सुहानी माइंडकेयर’ में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान करती हैं।

सुहानी शाह की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि भारत के लिए भी एक गर्व का क्षण है। उनकी कहानी नई पीढ़ी के जादूगरों और कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है, जो यह साबित करती है कि मेहनत और प्रतिभा के दम पर असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।

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