NCLT: एनसीएलटी के मामलो का अब जल्द हो सकेंगा निस्तारण

एनसीएलटी में केस जाने के बाद लोग सोचते है कि सालों बाद भी कोई रिजल्ट नही मिलेगा मगर अब ये सेच बदलनी पड़ेगी। अब सरकार ने जजों की कमी दूर करने के लिए एनसीएलटी में 15 न्यायिक और तकनीकी सदस्य नियुक्त किये है।
एनसीएलटी में 63 सदस्यों की अप्रूवल नबंर के साथ कुल 28 बेंच हैं। इसमें न्यायिक और प्रशासनिक पक्षों से प्रत्येक 31 के साथ-साथ इसके अध्यक्ष शामिल हैं, जो नई दिल्ली में प्रमुख बेंच के प्रमुख हैं।
ये काम करता है एनसीएलटी
एनसीएलटी इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) और कंपनी कानून से संबंधित मामलों का फैसला करता है। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार एनसीएलटी में 9 न्यायिक सदस्य और 6 तकनीकी सदस्य नियुक्त हुए हैं। इन सदस्यों को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, नियुक्त किया गया है।

 

मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) टी कृष्णा वल्ली, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) विकास कुंवर श्रीवास्तव, कानूनी मामलों के विभाग में वरिष्ठ सरकारी वकील महेंद्र खंडेलवाल, सीएटी न्यायिक सदस्य बिदिशा बनर्जी, अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता और अशोक कुमार भारद्वाज न्यायिक सदस्यों में शामिल हैं। अन्य सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश- पंजाब कुलदीप कुमार करीर, सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश – गौतमबुद्ध नगर विशेष शर्मा और वाणिज्यिक न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा में जिला न्यायालय के जज संजीव जैन हैं।

तकनीकी सदस्य
5 नवंबर के आदेश के अनुसार तकनीकी सदस्य चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रभात कुमार हैं- यूको बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक चरण सिंह, पूर्व केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य अनु जगमोहन सिंहय सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त आशीष वर्माय पूर्व निदेशक और सिटी बैंक इंडिया में एएमएल अनुपालन के प्रमुख मधु सिन्हाय और सेवानिवृत्त आईएएस अतुल चतुर्वेदी ।

अक्टूबर में एनसीएलटी के अध्यक्ष मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रामलिंगम सुधाकर ने कहा कि आईबीसी के तहत निर्णय का दायरा सदस्यों की कमी, वर्तमान में 63 में से 28 और बुनियादी ढांचे जैसी कई स्पष्ट और ध्यान देने योग्य कमियों के बावजूद पुरस्कृत और रिजल्ट आॅरिंएटिड रहा है।

 

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