Mumbai News: भारत में ओरल केयर सेगमेंट की अग्रणी कंपनी कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड के शेयरों में हाल ही में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। कंपनी के कमजोर तिमाही नतीजों और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते प्रमुख ब्रोकरेज फर्मों ने इसके शेयरों को ‘सेल’ रेटिंग दे दी है, जिसने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। आधा भारत जिस कोलगेट टूथपेस्ट का इस्तेमाल करता है, उसकी कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन इस समय दबाव में है।
कमजोर तिमाही नतीजों का असर
23 जुलाई 2025 को प्रकाशित खबरों के अनुसार, कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) के वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) के नतीजे उम्मीदों से कमजोर रहे। कंपनी की आय में सालाना आधार पर 4% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि EBITDA (ऑपरेटिंग प्रॉफिट) में 11% और शुद्ध मुनाफे में 12% की कमी आई। शहरी क्षेत्रों में मांग में कमी और बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को इस कमजोर प्रदर्शन का प्रमुख कारण बताया जा रहा है।
ब्रोकरेज फर्मों की राय
प्रमुख ब्रोकरेज हाउस जैसे गोल्डमैन सैक्स, सिटी, और HSBC ने कोलगेट के शेयरों पर नकारात्मक रुख अपनाया है।
– गोल्डमैन सैक्स ने शेयर को ‘सेल’ रेटिंग दी और टारगेट प्राइस 2,300 रुपये तय किया। ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी का Q1 प्रदर्शन उनके अनुमान से 2.5% कम रहा, और मार्जिन में गिरावट के बावजूद विज्ञापन खर्चों में कमी की गई।
सिटी ने भी ‘सेल’ रेटिंग बरकरार रखते हुए टारगेट प्राइस को 2,300 रुपये से घटाकर 2,175 रुपये कर दिया। उनका अनुमान है कि निकट भविष्य में कमजोर प्रदर्शन जारी रह सकता है।
– HSBC ने ‘होल्ड’ रेटिंग दी, लेकिन टारगेट प्राइस को 2,600 रुपये तक कम कर दिया। ब्रोकरेज ने बताया कि कंपनी ने विज्ञापन और प्रमोशन (A&P) खर्चों में 5% की कटौती की, फिर भी मार्जिन में कमी आई।
– एंटीक ने ‘होल्ड’ रेटिंग दी, लेकिन टारगेट प्राइस को 2,483 रुपये से घटाकर 2,413 रुपये कर दिया।
बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और मांग में कमी
कोलगेट-पामोलिव, जो भारत में टूथपेस्ट और ओरल केयर प्रोडक्ट्स में मार्केट लीडर है, को हाल के वर्षों में पतंजलि और डाबर जैसे देसी ब्रांड्स से कड़ी टक्कर मिल रही है। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में मांग में कमी और टूथपेस्ट जैसे कोर प्रोडक्ट्स की ग्रोथ में सुस्ती ने कंपनी की चुनौतियां बढ़ा दी हैं। कंपनी ने प्रीमियम प्रोडक्ट्स और इनोवेशन पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन कोर पोर्टफोलियो की ग्रोथ में कमी चिंता का विषय बनी हुई है।
शेयरों का प्रदर्शन
कोलगेट-पामोलिव के शेयरों में इस साल भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर 3,893 रुपये से यह शेयर 40% तक गिर चुका है। 18 जून 2025 को शेयर की कीमत 2,285.25 रुपये थी, जो 2,270.55 रुपये के निचले और 2,360 रुपये के उच्च स्तर के बीच थी। 22 मई 2025 को शेयरों में 6% की गिरावट दर्ज की गई, जो पिछले पांच सालों में सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट थी।
कंपनी की रणनीति
कंपनी ने प्रीमियम प्रोडक्ट्स जैसे कोलगेट स्ट्रॉन्ग टीथ और कोलगेट मैक्सफ्रेश पर ध्यान केंद्रित किया है। साथ ही, डेंटिस्ट्स के साथ मिलकर थैरेपेटिक प्रोडक्ट्स और नए चैनलों पर निवेश बढ़ाने की योजना है। हालांकि, ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा और मांग में सुस्ती के कारण शॉर्ट टर्म में मार्जिन और वॉल्यूम ग्रोथ पर दबाव बना रह सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
ब्रोकरेज फर्मों की ‘सेल’ और ‘होल्ड’ रेटिंग्स को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोलगेट के शेयरों में निवेश से पहले बाजार की स्थिति और कंपनी के अगले तिमाही नतीजों पर नजर रखना जरूरी है। मनीकंट्रोल के अनुसार, निवेशकों को कोई भी निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेनी चाहिए।
निष्कर्ष
कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड, जो दशकों से भारतीय घरों में भरोसे का नाम रहा है, इस समय चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है। कमजोर नतीजों, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और ब्रोकरेज की नकारात्मक रेटिंग्स ने इसके शेयरों पर दबाव बढ़ा दिया है। निवेशकों को सावधानी बरतते हुए कंपनी की भविष्य की रणनीतियों और बाजार की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए।
डिस्क्लेमर
यह खबर केवल जानकारी के उद्देश्य से है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।

