जेल में बंद मुख्तार अंसारी की तबियत बिगड़ी है। आज कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार अंसारी को अस्पताल लाया गया। अफसरों ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन एक पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि वह अभी अस्पताल में हैं। पुलिस प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज को छावनी में तब्दील कर दिया है।
मुख्तार ने बताया था जान को खतरा
बता दें कि कुछ दिन पहले मुख्तार अंसारी ने कहा था कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने आशंका जताई थी कि जेल में उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है। इस मामले में लापरवाही बरतने पर बांदा जेल के जेलर और दो डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया गया। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की गयी।
मुख्तार से मिलने बांदा पहुंचे परिजनों का दावा है कि उन्हें मुख्तार अंसारी से मिलने नही दिया गया। परिजन ने कहा कि जेल प्रशासन से लिखित आदेश लाये. परिजनों की मांग है कि बाहर बड़े अस्पताल में मुख्तार का इलाज प्रशासन कराए. फिलहाल मेडिकल कॉलेज के पबन में मुख्तार का इलाज चल रहा है। मुख्तार अंसारी की सेहत को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की। प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्तार की हालत अभी स्थिर है। मुख्तार के पेट मे जो समस्या थी उसका इलाज किया गया है जिससे उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन में कहा गया है कि मुख्तार अंसारी उम्र-62वर्ष-मु. पता-जिला जेल, बांदा 26-03-2024 को सुबह 03ः55 बजे दर्द की शिकायत के साथ आरडीएमसी बांदा में भर्ती कराया गया. पेट में दिक्कत थी। मरीज भर्ती है और उपचार शुरू हो गया है. मरीज की हालत फिलहाल स्थिर है। मुख्तार के परिजनों में से एक मंसूर ने कहा कि मुख्तार अंसारी की तबियत खराब है। उनके बेटे उमर अंसारी दिल्ली थे वह निकल गये है. अभी मेडिकल रिपोर्ट नहीं आयी है। हम तो चाहेंगे की अच्छे जगह भेजकर इलाज किया जाए।
परिवार के गंभीर आरोप
परिवार का आरोप है कि खाने में धीमा जहर दिया गया है। परिवार का आरोप – उसरीचट्टी मामले में गवाही से रोकने के लिए ये सब किया गया है। उसरीचट्टी में ब्रजेश सिंह के खिलाफ गवाही देनी है।मुख्तार को उसरीचट्टी साल 2001 का बड़ा कांड है जिसमें मुख्तार और ब्रजेश के बीच जमकर गोलीबारी हुई थी। इसमें मुख्तार को गोली लगी थी। इस मामले में मुख्तार की गवाही होनी है।