मुख्तार अंसारी को 26 साल बाद मिली 10 साल की सजा
गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट ने मऊ के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को 26 वर्ष पुराने केस में 10 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसके अलावा मुख्तार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया है। 15 दिसंबर को गाजीपुर की कोर्ट ने मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट में मुख्तार अंसारी और अवधेश राय हत्याकांड में दोषी सिद्ध होने के बाद ये सजा सुनाई है।
1996 में दर्ज हुआ था मामला
साल 1996 में पूर्वांचल के बड़े माफियओं में से एक और मऊ के तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ इस मामले में गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने 26 साल पुराने मामले में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट के फैसला देते समय मुख्तार अंसारी कोर्ट में मौजूद नहीं था। सुरक्षा की वजह और ईडी की कस्टडी में होने की वजह से मुख्तार अंसारी को गाजीपुर कोर्ट नहीं पेश किया गया । इस मामले की सुनवाई प्रयागराज के ईडी दफ्तर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई थी। मऊ के पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी पर वैसे तो बहुत से केस दर्ज हैं लेकिन इस मामले में पांच केस मुख्तार अंसारी पर दर्ज थे जिनमें से ये पहला मामला है जिसमें उसे सजा हुई है। ये मामला 1996 का है जब मुख्तार अंसारी ने कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय के मर्डर का था। इस मामले में मुख्तार पर पांच मुकदमें चल रहे थे जिनके आधार पर मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंग्स्टर एक्ट में कार्रवाई की गई। कोर्ट ने इस मामले में मुख्तार के साथ उसके साथी भीम सिंह को भी दस साल कैद और 5 लाख के दण्ड की सजा सुनाई है।